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"Banna" पोस्ट जरूर पढ़ें ।
खुद बीती....!
कुछ समय पूर्व परिवार के एक निकटतम सदस्य को मैंने कहा कि ठाला फिरने के बजाय सिपाही की भर्ती आने वाली है फार्म भर दे, मैं अच्छे से गाइड कर दूंगा, उसने भी हां भर ली कि ठीक है ।
तीन-चार दिन बाद मैंने मेरी सहधर्मिणी को पूछा की बन्ना जी ने फार्म भर दिया क्या ? पर जो मेरी सहधर्मिणी ने मुझे कहा उसे सुनकर मेरे पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई। वह बोली कि बन्ना जी बोल रहे हैं कि सिपाही बनने में क्या पड़ा है ?

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लुधियाना के अंडरपास में हुआ पानी ही पानी गाड़ियां डूबी और नंबर प्लेटें उतरी

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लुधियाना के अंडरपास में हुआ पानी ही पानी गाड़ियां डूबी और नंबर प्लेटें उतरी

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लुधियाना के अंडरपास में हुआ पानी ही पानी गाड़ियां डूबी और नंबर प्लेटें उतरी

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आँखों में चमक, मन में विश्वास और अटूट हौसला — यह है नन्ही सी बहादुर बेटी Payal Nag , जो आज लाखों के लिए प्रेरणा बन चुकी है ✨
Shikhar Ka Safar podcast में उनकी दिल को छूने वाली कहानी ने हौसले की नई परिभाषा दी। 🎙️
8 साल की उम्र में बिजली के दर्दनाक हादसे ने उनके हाथ-पैर छीन लिए। लोगों ने उनकी माँ से कहा ऐसी लड़की को मार देना चाहिए।
लेकिन माँ ने उम्मीद नहीं छोड़ी और उनके हिम्मत से पाला।💔👩‍👧
बाद में Payal अनाथालय पहुँचीं, जहाँ mouth art से पहचान बनी।
फ़िर कोच Mr. Kuldeep Kumar Vedwan जी ने हुनर पहचाना और archery में मार्गदर्शन किया। 🎨🏹
Payal अब Mata Vaishno Devi Shrine Board Sports Academy में training ले रही हैं ।
आज वो Khelo India Para Games में सिल्वर और राष्ट्रीय पैरा आर्चरी में दो गोल्ड जीत चुकी हैं।
दुनिया की एकमात्र quadruple para archer हैं।🥇🥈🇮🇳
उनका सपना है भारत के लिए Olympics में गोल्ड लाना — और मुझे पूरा यकीन है कि वो ये सपना देश के लिए ज़रूर पूरा करेंगी 🌟🇮🇳
May you always keep shining dear Payal 💫🧡
#shikharkasafar #payalnag #quadruplearcher 🇮🇳#bharatkibeti

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आँखों में चमक, मन में विश्वास और अटूट हौसला — यह है नन्ही सी बहादुर बेटी Payal Nag , जो आज लाखों के लिए प्रेरणा बन चुकी है ✨
Shikhar Ka Safar podcast में उनकी दिल को छूने वाली कहानी ने हौसले की नई परिभाषा दी। 🎙️
8 साल की उम्र में बिजली के दर्दनाक हादसे ने उनके हाथ-पैर छीन लिए। लोगों ने उनकी माँ से कहा ऐसी लड़की को मार देना चाहिए।
लेकिन माँ ने उम्मीद नहीं छोड़ी और उनके हिम्मत से पाला।💔👩‍👧
बाद में Payal अनाथालय पहुँचीं, जहाँ mouth art से पहचान बनी।
फ़िर कोच Mr. Kuldeep Kumar Vedwan जी ने हुनर पहचाना और archery में मार्गदर्शन किया। 🎨🏹
Payal अब Mata Vaishno Devi Shrine Board Sports Academy में training ले रही हैं ।
आज वो Khelo India Para Games में सिल्वर और राष्ट्रीय पैरा आर्चरी में दो गोल्ड जीत चुकी हैं।
दुनिया की एकमात्र quadruple para archer हैं।🥇🥈🇮🇳
उनका सपना है भारत के लिए Olympics में गोल्ड लाना — और मुझे पूरा यकीन है कि वो ये सपना देश के लिए ज़रूर पूरा करेंगी 🌟🇮🇳
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