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वैज्ञानिकों ने बताया है कि 450 करोड़ साल पहले पृथ्वी अस्तित्व में आई व 350 करोड़ साल पहले मानव की शुरुआती प्रजाति अस्तित्व में आई थी।
इस यूनिवर्स में सैंकड़ों आकाशगंगा है और हर आकाशगंगा में अनगिनत तारे। उसी में से सूर्य एक तारा है उसके नौ ग्रह है।
उसी में से एक पृथ्वी है और उस पर तकरीबन 200 देश है उसी में से एक देश की सीमाओं में रहने वाला मैं एक होमो-सेपियंस प्रजाति का एक प्राणी।
200 देशों में मेरे जैसे तकरीबन 7अरब से ज्यादा लोग है! मैं जिस देश का वासी हूँ उसमे मेरे जैसे दिखने वाले तकरीबन 142 करोड़ लोग है!
उसी में से मैं एक प्राणी हूँ। मेरे होने या न होने से क्या फर्क पड़ता है! मैं खुद के अस्तित्व को ज्यादा गंभीरता से लेता भी नहीं हूँ।
भारत मे एक इंसान की ज्यादा से ज्यादा उम्र 70 साल होगी या 80 साल। राष्ट्रीय औसत 74 के करीब है।हर मिनट भारत मे 3 पैदा होते है व 2 निकल लेते है।
99.99 प्रतिशत लोगों को पैदा होने वालों व निकलने वालों से कोई मतलब नहीं होता है।सुर्खियां में बने रहने के लिए बधाई या शत-शत नमन लिखने वाले 500-700 लोग मिल जाते होंगे!
किसी को अपने कद-पद पर ज्यादा गुरुर नहीं करना चाहिए। आपका कद अपने एकांकी समूह में अपनों के सपनों की हत्या करने के कारण बढ़ता है और पद अपने समूह के बीच धौंस जमाकर खुश होने का हथियार मात्र है!
यूनिवर्स में,गैलेक्सी में, देश मे मेरा कुछ नहीं है। मैं बहुत छोटा मानवीय प्राणी अल्पसमय के लिए विचरण करने आया हूँ। मुझे किसी से कोई गिला शिकवा नहीं है और किसी से दोस्ती व न किसी से दुश्मनी।
भगवान, अल्लाह, यीशु नाम की चिड़िया कहीं भी नहीं है।इस तरह की बकवास करने वाले लोगों से मैं अपने को बेहतर समझता हूँ। अंधेरे से बाहर हूँ लेकिन स्थायी उजाले से कोसों दूर!