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#अमेरिका के राष्ट्रपति #donaldtrump ने फिर कहा है कि मैंने दो न्यूक्लियर पावर्स को परमाणु युद्ध में उलझने से बचाया है। उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने बातचीत की और उसके बाद ही युद्ध विराम हुआ है।
#भारत लगातार यह कह रहा है कि पाकिस्तान से कोई भी मामला केवल पारस्परिक बातचीत से ही सुलझाया जाएगा। कोई तीसरी शक्ति की मध्यस्थता या बातचीत हमारे निर्णय का आधार नहीं बन सकती है और न बननी चाहिए।
यदि ट्रंप साहब की बातचीत के बाद युद्ध विराम हुआ है तो इसका स्पष्ट अर्थ है कि यह युद्ध विराम उस समय हुआ जब भारतीय सेना, पाकिस्तान के सभी हवाई अड्डों और उनकी हवाई व समुद्री शक्ति को पूरी तरीके से ध्वस्त करने की स्थिति में थी अर्थात पहलगाम में आतंकी हमले के बाद जो घोषित लक्ष्य थे कि पाकिस्तान को सबक सिखाना और आतंक को नष्ट करना तथा POK को भारत में मिलाना। हम इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम दिखाई दे रहे थे। पाकिस्तान को इस युद्ध विराम के बाद बहुत राहत मिली है और यह समय जो उनको मिला है, उसका उपयोग चीन से नई सामरिक साज सामग्री प्राप्त करने और तुर्की से ज्यादा बेहतर तरीके के ड्रोन आदि प्राप्त करने में करेगा। चीन के जो नए पांचवें जनरेशन के एयरक्राफ्ट हैं उनके विषय में दुनिया में बहुत उत्सुकता है और चीन, पाकिस्तान के माध्यम से उसको युद्ध में उपयोग भी करना चाहेगा ताकि उनकी सामरिक क्षमता का उसको वास्तविक आकलन मिल सके। चीन पाकिस्तान के समान ही बौखलाया हुआ है। क्योंकि उसका यह डिफेंड सिस्टम और उसके मिसाइल, दोनों भौंतरे साबित हुए हैं। मिसाइल हमारे एयर सिस्टम को तोड़ नहीं पाए और पाकिस्तान को प्राप्त चीनी एयर डिफेंस हमारे हमले को रोकने में नाकाम रहे। अब हमारा अगला मुकाबला चार घायलों से होगा, तुर्की, पाकिस्तान, चीन और आतंकवाद। फिर से आतंकी अपने को रिग्रुप करेंगे इसलिए हमको अभी से युद्ध के अगले चरण के लिए तैयारी करनी पड़ेगी। हमारे पास चीन के मुकाबले पर परमाणु
और हवाई शक्ति होनी चाहिए ताकि पाकिस्तान के दुस्साहस की स्थिति में चीन की प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से बाज आ जाए। ट्रंप कुछ भी दवा करें, मगर ट्रंप ने फिर भारत के हितों को नुकसान पहुंचाया है स्पष्ट तौर पर लगता है।
#india????
लखनऊ स्थित सरकारी आवास सात कालिदास मार्ग पर मा. विधायकगण श्री विनोद सिंह जी, श्री राज प्रसाद उपाध्याय जी, श्री राजेश चौधरी जी, श्री धर्मेश सिंह तोमर जी, श्री सुभाष त्रिपाठी जी, श्री कीरत सिंह जी, श्री देवेन्द्र निम जी, डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी जी, श्री पंकज गुप्ता जी, मा. विधान परिषद सदस्यगण श्री राम गोपाल अंजान जी व श्री योगेश चौधरी जी, सीतापुर से भाजपा जिला अध्यक्ष श्री राजेश शुक्ला जी, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सैनी जी के साथ शिष्टाचार भेंट की।
लखनऊ स्थित सरकारी आवास सात कालिदास मार्ग पर मा. विधायकगण श्री विनोद सिंह जी, श्री राज प्रसाद उपाध्याय जी, श्री राजेश चौधरी जी, श्री धर्मेश सिंह तोमर जी, श्री सुभाष त्रिपाठी जी, श्री कीरत सिंह जी, श्री देवेन्द्र निम जी, डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी जी, श्री पंकज गुप्ता जी, मा. विधान परिषद सदस्यगण श्री राम गोपाल अंजान जी व श्री योगेश चौधरी जी, सीतापुर से भाजपा जिला अध्यक्ष श्री राजेश शुक्ला जी, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सैनी जी के साथ शिष्टाचार भेंट की।
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लखनऊ स्थित सरकारी आवास सात कालिदास मार्ग पर मा. विधायकगण श्री विनोद सिंह जी, श्री राज प्रसाद उपाध्याय जी, श्री राजेश चौधरी जी, श्री धर्मेश सिंह तोमर जी, श्री सुभाष त्रिपाठी जी, श्री कीरत सिंह जी, श्री देवेन्द्र निम जी, डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी जी, श्री पंकज गुप्ता जी, मा. विधान परिषद सदस्यगण श्री राम गोपाल अंजान जी व श्री योगेश चौधरी जी, सीतापुर से भाजपा जिला अध्यक्ष श्री राजेश शुक्ला जी, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सैनी जी के साथ शिष्टाचार भेंट की।
टीचर का एक अनोखा गिफ़्ट!
हैदराबाद के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले दो होनहार छात्रों की ज़िंदगी का एक ऐसा पल आया, जिसे वे कभी भूल नहीं पाएंगे।
इन दोनों ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा (SSC) में शानदार प्रदर्शन किया, और उनके इस कमाल को सराहा गया एक असाधारण तोहफे के साथ — पहली बार हवाई यात्रा का अनुभव।
इस पहल के पीछे थे उनके स्कूल के प्रधानाचार्य, जिन्होंने जनवरी में वादा किया था — "जो बच्चे सबसे अच्छे अंक लाएंगे, उन्हें मैं खुद फ्लाइट से घुमाने ले जाऊंगा।"
और परीक्षा परिणाम आते ही उन्होंने अपना वादा निभाया। हैदराबाद से विशाखापट्टनम तक की इस उड़ान का पूरा खर्च, जो ₹50,000 से अधिक था, प्रधानाचार्य ने अपनी जेब से वहन किया।
एक छात्रा की भावुक प्रतिक्रिया थी: —
“हम BPL (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार से हैं। हमने कभी सपना भी नहीं देखा था कि हम कभी हवाई जहाज में बैठ पाएंगे। ये हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।”
यह सिर्फ एक यात्रा नहीं थी, बल्कि उन बच्चों के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा की उड़ान थी। उन्होंने कहा कि अब वे और भी मेहनत से पढ़ेंगे, ताकि अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सकें।
सलाम है ऐसे शिक्षकों को जो सिर्फ किताबें नहीं पढ़ाते, बल्कि बच्चों को ज़िंदगी में उड़ने का हौसला देते हैं।
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