बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के अकोला जिले के किसी कोथली नामक स्थान में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर बानरों का भोज कराया गया। बंदर जैसी उछल कूद करते रहने वाली प्रजाति को इस तरह पंक्तिबद्ध हो बैठ कर भोजन करते देखना भी कम आश्चर्यजनक नहीं।

सोच रहा हूँ, इन बंदरो में स्वयं के लिए भरोसा पैदा करना कितना कठिन रहा होगा। कितना कठिन तप करना पड़ा होगा... सामान्य जन मनुष्यों को नहीं साध पाते, कुछ लोग पशुओं को भी साध लेते हैं। भगवा लपेटे खड़े उस साधु के लिए मन में यूँ ही श्रद्धा का भाव उपज रहा है। उनकी साधना, उनका तप नमन के योग्य है।

सुखद यह भी है कि बंदर और मानुष एक ही पंक्ति में बैठ कर भोजन कर रहे हैं। समानता-असमानता के निरंतर चलते द्वंद और विमर्शों के बीच मानुष का बानरों की पंक्ति में बैठ कर भोजन करना मन मोह रहा है। है न सुन्दर? संसार के इस सबसे प्राचीन देश के प्रति अत्यधिक श्रद्धा होने का एक कारण यह भी है कि तमाम नकारात्मक खबरों के बीच कहीं न कहीं से कोई ऐसी तस्वीर आ जाती है कि देख कर मन झूम उठता है।

अपनी समस्याओं का हल निकाल लेने की शक्ति सबसे अधिक मनुष्य में है, फिर भी वह अपने अंदर की पशुता को नहीं मार पाता। ईर्ष्या, घृणा, डाह... हम किसी से स्वयं की रक्षा नहीं कर पाते। पशुओं के पास स्वयं का सुधार कर सकने की क्षमता मनुष्य से बहुत कम है, फिर भी वे बड़ी सहजता से मानवता सीख लेते हैं। कितना अद्भुत है न? काश! कि हम कुछ सीखते...

हमारे गांवों में अब भी कोई बंदरों को परेशान नहीं करता। उन्हें अधिक से अधिक भगाया जाता है, मारा नहीं जाता। एक सहज गृहस्थ को अब भी उनमें हनुमान जी महाराज दिखते हैं। यह तस्वीर उसी ग्रामीण भाव की उच्चतम अभिव्यक्ति है। इस देश में अब भी बहुत कुछ बदला नहीं है।

पशुओं में भी ईश्वर को देख लेने का पवित्र भाव कुछ हजार वर्ष पूर्व तक समस्त संसार में था, पर अब केवल और केवल भारत में बचा है। पश्चिमी अभद्रता के संक्रमण में फँस रहा भारत यदि इस भाव को भी बचा ले तो स्वयं को सबसे अलग, सबसे पवित्र बनाये रख लेगा। इक्कीसवीं सदी में वही उसकी विजय होगी।

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🌳बाबा मेरा रिश्ता आपसे अजीब है🌹कहने को दरबार से दूरी है🌷फिर भी हर साँस आपके करीब है🌳
🌳हर साँस के मालिक🌹बाबा वैद्यनाथ जी🌳
जय वैद्यनाथ

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🌳बाबा भंवर में हैं हम लेकर पतवार वो बैठे हैं🌹देवघर में हमारे श्री वैद्यनाथ सरकार बैठे हैं🌳
🌳हर साँस🌹बाबा वैद्यनाथ जी के पास🌳
जय वैद्यनाथ

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प्रश्न = गायत्री मंत्र में क्या खास शक्ति है?

इस चित्र से आपको यह तो समझ आ गया होगा की गायत्री मंत्र से शरीर के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कम्पन व असर होता है।

चलो सबसे पहले हम समझते है कोई मंत्र काम केसे करता है, वास्तव में मंत्र के सही और सटीक उच्चारण से वह कार्य करता है, जब हम कोई मंत्र बोलते है वह ध्वनि हमारे शरीर के अलग अलग भाग से उत्पन्न होती है व अलग अलग भाग को प्रभावित करती है। उदाहरण के तौर पर जब आप प्रणव यानी कि ॐ का उच्चारण करते है तो वह भी अलग अलग भाग से उत्पन्न हुआ प्रतीत होगा, तो वैसे ही इस चित्र के अनुसार गायत्री मंत्र भी शरीर के अलग अलग बिंदुओ को प्रभावित करता है।

दूसरी बात गायत्री मंत्र क्या है, यह जानना जरूरी है, यह वास्तव में सविता देवता का मंत्र है, मतलब इसकी ऊर्जा का संबंध सविता देवता से है, सविता देवता को ही सूर्य समझिए, सूर्य की शक्ति को सविता कहा गया है। तो जो कहते है की गायत्री मंत्र से कोई असर नहीं हुआ या ना कुछ खास महसूस हुआ तो उन्हें ये जान ना जरूरी है कि इसका जप कब और केसे करे।

गायत्री मंत्र का जप दिन में होने वाली तीनों में से किसी भी संध्या के समय किया का सकता है, मतलब सवेरे, दोपहर या शाम को, वैसे तो आप दिन में कभी भी जप कर सकते है पर तब सूर्य का प्रकाश होना चाहिए और वह प्रकाश आपके शरीर को स्पर्श भी कर रहा हो, पर आपको रोज एक ही समय एक निश्चित मात्रा में जप करना चाहिए, इस लिए संध्या काल उचित होगा क्युकी तब तो आपको सूर्य का प्रकाश देख कर भी जप शुरू करने का स्मरण हो जाएगा। और एक बात गायत्री मंत्र के प्रभाव से मनुष्य, काम, क्रोध, मद, दंभ, दुर्भाव, लोभ, द्वेष, अहंकार से दूर हो सकता है। और इनसे दूर होने पर ही आध्यात्मिक उन्नति संभव है, तो जो अपनी आध्यात्मिक उन्नति चाहते है वे इसका जप अवश्य करे।

आपको यह भी पता होगा कि गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र को हिन्दू धर्म में बहुत प्रभाव शाली माना गया है, ऐसा इसीलिए है क्युकी यह दोनों मंत्र आपकी आध्यात्मिक उन्नति में बहुत बड़े सहायक सिद्ध होते है।

साभार

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वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस सहित तमाम ग्रंथों में दिये विवरणों के अनुसार भगवान श्री रामचंद्र जी की AI जनरेटेड फोटो, जब वो 21 वर्ष के थे

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ट्विटर ने BBC को बताया
"सरकारी पैसे से चलने वाली मीडिया" 🤣

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शिष्य तो शिष्य गुरु तो एक कदम आगे गोडसे भक्त निकले 🙏🚩

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बस कुछ ही दिन में आप फ्लाइट में बैठकर सुनेंगे..!!
कृपया सीट बेल्ट बांध लें..!
अब हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अतंर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट अयोध्या में लैंडिंग करने जा रहे हैं..🚩

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