संजय जोग (Sanjay Jog) एक प्रमुख भारतीय अभिनेता थे, जिन्होंने मराठी, हिंदी और गुजराती फिल्मों में अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनका जन्म 24 सितंबर 1955 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। संजय जोग ने अपने करियर की शुरुआत 1975 में मराठी फिल्म 'सपला' से की थी, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही। इसके बाद, उन्होंने 'जिद' (198 जैसी फिल्मों में अभिनय किया, जो हिट रही और उनकी पहचान बनी।
संजय जोग को सबसे अधिक पहचान रामानंद सागर के ऐतिहासिक धारावाहिक 'रामायण' में भगवान राम के भाई 'भरत' की भूमिका से मिली। इस भूमिका ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई और वह दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गए। उन्होंने 'लव कुश' (1988-1989) में भी अभिनय किया।
संजय जोग ने मराठी, हिंदी और गुजराती फिल्मों में लगभग 30 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनकी प्रमुख हिंदी फिल्मों में 'अपना घर' (1989), 'जिगरवाला' (1991), 'नसीबवाला' (1992) और 'बेटा हो तो ऐसा' (1994) शामिल हैं। उन्होंने 'माया बाजार' (1984) जैसी गुजराती फिल्मों में भी अभिनय किया।
संजय जोग का निधन 27 नवंबर 1995 को मुंबई में लीवर फेल होने के कारण हुआ। उनकी उम्र उस समय केवल 40 वर्ष थी। उनकी पत्नी नीता जोग और दो बच्चे थे, जिनमें से एक रंजीत जोग हैं।
संजय जोग का अभिनय आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है, और उनकी भूमिकाएं भारतीय टेलीविजन और सिनेमा के इतिहास में अमिट छाप छोड़ गई हैं।
