20 w - Translate

उत्तराखंड कुमाऊँ के मशहूर लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी अब भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो गए हैं।
उत्तराखंड कुमाऊँ के फेमस लोकगायक फौजी ललित मोहन जोशी को कोन नहीं जानता सायद ही पूरे उत्तराखंड में ऐसा कोई होगा जिसने ललित मोहन जोशी के गाने ना सुने हो उनके द्वारा गाये गए गीत आज भी लोगो के दिलों में राज करते हैं
अपनी सुरीली आवाज़ और भावपूर्ण गीतों से उन्होंने न सिर्फ पहाड़ की पीड़ा को शब्दों में पिरोया, बल्कि अपने गीतों से लोगों को झूमने पर भी मजबूर किया।
ललित मोहन जोशी का सफर वर्ष 2001 के करीब कैसेट युग से शुरू हुआ था। उस दौर का उनका लोकप्रिय गीत “टक टका टक कमला” आज भी लोगों की जुबान पर है। पिछले 24 वर्षों से वे लगातार अपने गीतों से श्रोताओं का मनोरंजन करते आ रहे हैं।
उनके कई गीत आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं, जिनमें से
दूर बड़ी दूर बर्फीला डाना, ओ कफूवा तू डान्यू ओरा, हिट कमु न्हे जानू, हे दीपा मिजात दीपा जैसे सेकड़ो गीत जिन्होंने गाये हैं
फौजी ललित मोहन जोशी की फैन फॉलोइंग आज लाखों में है, पूरे उत्तराखंड में एस कोई नहीं होगा जिन्होंने इनके द्वारा गाये गाने ना सुने हो, जो न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश और विदेश में तक सुने जाते हैं । उनकी गायकी ने कुमाऊँनी संस्कृति और लोकसंगीत को नई पहचान दिलाई है।
उम्मीद है की अब फौजी ललित मोहन जोशी अब सेना से सेवानिवृत्ति के बाद अपने गीत-संगीत को और अधिक समय देकर लोगों को नए गीतों का तोहफ़ा देंगे।

image

कल मेरे भाई रजिन्दर सिंह (JBR) के पुत्र अक्षित के रोका समारोह में सम्मिलित होकर हृदय से प्रसन्नता अनुभव की। भोले नाथ पूरे परिवार पर अपना आशीर्वाद निरंतर बनाए रखें।

image
20 w - Translate

श्रृंगार दर्शन ।।
॥ ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॥ 👣जय माँ बगलामुखी जी 👣🌹आज के अलौकिक दर्शन🌹 29th july 2025 ✨Mahant Shri Rajat Giri ji ✨
9816500036 9350000036

image
20 w - Translate

श्रृंगार दर्शन ।।
॥ ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॥ 👣जय माँ बगलामुखी जी 👣🌹आज के अलौकिक दर्शन🌹 31st july 2025 ✨Mahant Shri Rajat Giri ji ✨
9816500036 9350000036

image
20 w - Translate

ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਦਸਵੇਂ ਅਤੇ ਆਖਰੀ ਮਨੁੱਖੀ ਗੁਰੂ ਸਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਹੇਠ ਲਿਖੇ ਅਨੁਸਾਰ ਹੈ:
* ਜਨਮ: 22 ਦਸੰਬਰ, 1666 ਈਸਵੀ ਨੂੰ ਪਟਨਾ ਸਾਹਿਬ (ਬਿਹਾਰ) ਵਿੱਚ।
* ਗੁਰਗੱਦੀ: 11 ਨਵੰਬਰ, 1675 ਈਸਵੀ ਨੂੰ, ਜਦੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ, ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦਰ ਜੀ ਨੇ ਸ਼ਹਾਦਤ ਦਿੱਤੀ ਸੀ।
* ਖ਼ਾਲਸਾ ਪੰਥ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ: 1699 ਈਸਵੀ ਨੂੰ ਵਿਸਾਖੀ ਦੇ ਦਿਹਾੜੇ ਅਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿੱਚ।

image
20 w - Translate

माता रानी के चरणों को हिंदू धर्म में, विशेषकर देवी पूजा में, अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। इनके कई गहरे आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ हैं:
माता रानी के चरणों का महत्व
* समर्पण और भक्ति का प्रतीक:
* भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करने के लिए माता के चरणों में नमन करते हैं। यह पूर्ण समर्पण का भाव है, जहाँ भक्त अपनी सारी चिंताएँ और अहंकार देवी को सौंप देते हैं।
* यह दर्शाता है कि भक्त देवी की शरण में हैं और उनसे कृपा और सुरक्षा की कामना करते हैं।

image
20 w - Translate

दुर्गा माता को हमेशा लाल चुनरी में दिखाने के कई गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। लाल रंग हिंदू धर्म में, विशेषकर देवियों की पूजा में, बहुत महत्व रखता है।
लाल चुनरी का महत्व:
* शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक: लाल रंग शक्ति, ऊर्जा, तीव्रता और जोश का प्रतीक है। देवी दुर्गा स्वयं शक्ति का सर्वोच्च रूप हैं, और लाल रंग उनके इसी शक्तिशाली स्वरूप को दर्शाता है। यह रंग उनकी अदम्य ऊर्जा और राक्षसों का संहार करने की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
* शुद्धता और शुभता: हिंदू धर्म में लाल रंग को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह नए आरंभ, समृद्धि और मंगल का प्रतीक है। यही कारण है कि शादियों में दुल्हनें अक्सर लाल रंग के वस्त्र पहनती हैं। माता को लाल चुनरी अर्पित करना शुभता और सकारात्मकता को आकर्षित करने जैसा है।
* रचनात्मकता और सक्रियता: लाल रंग सृजन, सक्रियता और उर्वरता से भी जुड़ा है। माता दुर्गा ब्रह्मांड की रचना, पालन और संहार करने वाली हैं। लाल रंग उनकी रचनात्मक और गतिशील शक्ति को दर्शाता है।

image

image

image
20 w - Translate

वरिष्ठ #भाजपा नेता श्री अमृतलाल जायसवाल जी का अत्यन्त दुःखद व असामयिक निधन हो गया। अंतिम यात्रा उनके घर से मणिकर्णिका घाट के लिए प्रारंभ हो चुकी है।
बाबा विश्वनाथ जी से कामना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों समेत हम सभी कार्यकर्ताओं को यह असीम दुःख सहने की शक्ति।
ॐ शांति शांति!

image