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पुज्य गुरुदेव श्री इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज #bhaktipath #indreshupadhyayji एवं B Praak
कब्र से लिपटकर घंटों रोते रहा पिता , बार-बार यही कहते रहे,“भौमिक को छोड़कर कहां जाऊं… मैं भी यहीं रहना चाहता हूं…”
कितनी बार रिश्तेदारों ने समझाया, पर एक बाप कैसे समझे जिसके कंधे से उसकी उम्मीदें, उसकी हँसी, उसका सबकुछ चला गया?
बेंगलूरु हादसे में भौमिक की जान चली गई और एक पिता की सब उम्मीदे !