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भूना (फतेहाबाद, हरियाणा)
से इकलौती बेटी रितु गोगलिया का चयन असम राइफल (अर्धसैनिक बल) में होने पर ढेर सारी शुभकामनाएं।
कुश्ती और कराटे में गोल्ड मैडलिस्ट भी रही हैं रितु।
रितु गरीब परिवार से है, मां के साथ झाडू पोछा एवं मजदूरी करके अपने लक्ष्य को हासिल किया है।
परिवारजनों ने मिठाई खिलाकर खुशी मनाई।
पूरे हरियाणा में 2 लड़की ही असम राइफल में चयनित हुई है।
देश की सभी बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है रितु।
परिस्थितियों कैसी भी हो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी चाहिए।
भूना (फतेहाबाद, हरियाणा)
से इकलौती बेटी रितु गोगलिया का चयन असम राइफल (अर्धसैनिक बल) में होने पर ढेर सारी शुभकामनाएं।
कुश्ती और कराटे में गोल्ड मैडलिस्ट भी रही हैं रितु।
रितु गरीब परिवार से है, मां के साथ झाडू पोछा एवं मजदूरी करके अपने लक्ष्य को हासिल किया है।
परिवारजनों ने मिठाई खिलाकर खुशी मनाई।
पूरे हरियाणा में 2 लड़की ही असम राइफल में चयनित हुई है।
देश की सभी बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है रितु।
परिस्थितियों कैसी भी हो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी चाहिए।
भूना (फतेहाबाद, हरियाणा)
से इकलौती बेटी रितु गोगलिया का चयन असम राइफल (अर्धसैनिक बल) में होने पर ढेर सारी शुभकामनाएं।
कुश्ती और कराटे में गोल्ड मैडलिस्ट भी रही हैं रितु।
रितु गरीब परिवार से है, मां के साथ झाडू पोछा एवं मजदूरी करके अपने लक्ष्य को हासिल किया है।
परिवारजनों ने मिठाई खिलाकर खुशी मनाई।
पूरे हरियाणा में 2 लड़की ही असम राइफल में चयनित हुई है।
देश की सभी बेटियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है रितु।
परिस्थितियों कैसी भी हो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी चाहिए।
हमने शतरंज चैंपियन में विश्वनाथ आनंद का नाम खूब सुना था जिन्होंने पहला 30 उम्र में कुल पांच बार यह विश्व चैंपियनशिप जीतकर यह खिताब अपने नाम किया था लेकिन गुकेश दोम्माराव ने चेस विश्व चैंपियनशिप जीतकर उससे भी बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है कि वह दुनिया के सबसे कम उम्र के विजेता खिलाड़ी हुए हैं। उम्मीद है कि इससे अन्य भी जरूर प्रेरणा लेंगे।
दरअसल, गुकेश की टक्कर डिफेंडिंग चैम्पियन चीनी चेस मास्टर डिंग लिरेन से थी। काले मोहरों से खेलते हुए डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया। गुकेश महज़ 18 वर्ष के हैं। उनकी इस उपलब्धि हेतु पूरा देश गौरवान्वित है। उन्हें इस उपलब्धि की ढेरों बधाई सहित भविष्य हेतु हार्दिक शुभकामनाएं। #आर_पी_विशाल।
उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के हुड़ेती गांव निवासी नीरजा उप्रेती और ज्योति उप्रेती को पहाड़ की स्वरागिनी भी कहा जाता है. दोनों बहनें सोशल मीडिया पर उप्रेती सिस्टर्स नाम से काफी फेमस हैं. दिल्ली में आयोजित G20 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उप्रेती बहनों को आमंत्रित किया गया था.
उत्तराखंड की मशहूर लोक गायिका बहनें ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती को उप्रेती सिस्टर्स के नाम से जाना जाता है: ज्योति उप्रेती सती एक पेशेवर गायिका, संगीतकार, और गीतकार हैं. वे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार हैं. संगीत और हिन्दी एमए करने वाली ज्योति ने 15 साल तक गायन के साथ-साथ संगीत अध्यापन भी किया.
नीरजा उप्रेती एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट हैं. वे भारत के पहले पौराणिक रियलिटी शो स्वर्ण स्वर्ण भारत की प्रतियोगी रह चुकी हैं. नीरजा को साल 2021 में राष्ट्रीय युवा आइकन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
उप्रेती बहनें संगीत के ज़रिए को बढ़ावा दे रही हैं. अक्सर उन्हें एक साथ गीत गाते देखा जाता है. साल 2023 में, उन्होंने दिल्ली में हुए जी-20 समिट में लोकगीतों की प्रस्तुति दी थी
फ़ोटो साभार: उप्रेती सिस्टर्स
उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के हुड़ेती गांव निवासी नीरजा उप्रेती और ज्योति उप्रेती को पहाड़ की स्वरागिनी भी कहा जाता है. दोनों बहनें सोशल मीडिया पर उप्रेती सिस्टर्स नाम से काफी फेमस हैं. दिल्ली में आयोजित G20 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उप्रेती बहनों को आमंत्रित किया गया था.
उत्तराखंड की मशहूर लोक गायिका बहनें ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती को उप्रेती सिस्टर्स के नाम से जाना जाता है: ज्योति उप्रेती सती एक पेशेवर गायिका, संगीतकार, और गीतकार हैं. वे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार हैं. संगीत और हिन्दी एमए करने वाली ज्योति ने 15 साल तक गायन के साथ-साथ संगीत अध्यापन भी किया.
नीरजा उप्रेती एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट हैं. वे भारत के पहले पौराणिक रियलिटी शो स्वर्ण स्वर्ण भारत की प्रतियोगी रह चुकी हैं. नीरजा को साल 2021 में राष्ट्रीय युवा आइकन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
उप्रेती बहनें संगीत के ज़रिए को बढ़ावा दे रही हैं. अक्सर उन्हें एक साथ गीत गाते देखा जाता है. साल 2023 में, उन्होंने दिल्ली में हुए जी-20 समिट में लोकगीतों की प्रस्तुति दी थी
फ़ोटो साभार: उप्रेती सिस्टर्स
उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के हुड़ेती गांव निवासी नीरजा उप्रेती और ज्योति उप्रेती को पहाड़ की स्वरागिनी भी कहा जाता है. दोनों बहनें सोशल मीडिया पर उप्रेती सिस्टर्स नाम से काफी फेमस हैं. दिल्ली में आयोजित G20 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उप्रेती बहनों को आमंत्रित किया गया था.
उत्तराखंड की मशहूर लोक गायिका बहनें ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती को उप्रेती सिस्टर्स के नाम से जाना जाता है: ज्योति उप्रेती सती एक पेशेवर गायिका, संगीतकार, और गीतकार हैं. वे ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार हैं. संगीत और हिन्दी एमए करने वाली ज्योति ने 15 साल तक गायन के साथ-साथ संगीत अध्यापन भी किया.
नीरजा उप्रेती एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट हैं. वे भारत के पहले पौराणिक रियलिटी शो स्वर्ण स्वर्ण भारत की प्रतियोगी रह चुकी हैं. नीरजा को साल 2021 में राष्ट्रीय युवा आइकन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
उप्रेती बहनें संगीत के ज़रिए को बढ़ावा दे रही हैं. अक्सर उन्हें एक साथ गीत गाते देखा जाता है. साल 2023 में, उन्होंने दिल्ली में हुए जी-20 समिट में लोकगीतों की प्रस्तुति दी थी
फ़ोटो साभार: उप्रेती सिस्टर्स