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कभी 4 रुपया की थी सैलरी
कड़ी मेहनत से बन गए
22 रेस्टोरेंट के मालिक
कर्नाटक से संघर्ष की शुरुआत: सुरेश पुजारी ने कर्नाटक के छोटे गांव से शुरू किया
10 साल की उम्र में मजदूरी
बचपन में ही काम शुरू किया
मुंबई में 4 रुपये की सैलरी
रेलवे स्टेशन के पास ढाबे में काम किया
18 घंटे काम और रात को पढ़ाई
दिन में काम और रात को स्कूल गए
गिरगांव चौपाटी पर पाव-भाजी की दुकान खोली
बिजनेस का विस्तार: सुख-सागर के 22 रेस्टोरेंट बने