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हंगरी में आयोजित 2024 शतरंज ओलंपियाड से ऐतिहासिक मुलाकात हुई। इस समारोह में मशहूर हंगेरियन-अमेरिकी ग्रैंडमास्टर सुसान पोल्गर भारत के शतरंज स्टार प्रगनानंदा और वैशाली की माँ नागलक्ष्मी से मिली।
पूर्व Women's World Chess Champion पोल्गर ने अपनी उस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया में लिखा। जिसमें उन्होंने नागलक्ष्मी की प्रशंसा की और भारत के लिए युवा शतरंज सितारों को बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कहा।
सच, एक माँ का संघर्ष तब सार्थक होता है, जब उनके बच्चों की कामयाबी की वजह से लोग उन्हें सम्मान दें।
11 साल के डी गुकेश ने अपने आप को एक चैलेंज दिया था "दुनिया का सबसे कम उम्र के शतरंज चैंपियन" बनने का।
सिंगापुर में चल रही वर्ल्ड चैंपियशिप में चीन के Ding Liren को हराकर उन्होंने अपने आप से किया वह वादा आख़िरकार पूरा कर लिया।
महज 18 साल की उम्र में वो वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहुंचने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय और दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं।
दृढ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत के दम पर हर सपना पूरा किया जा सकता है और डी गुकेश यह साबित करके दिखा दिया।
देश के इस युवा चेस स्टार को द बेटर इंडिया की ओर से ढेरों बधाई!!