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ऐसे घरों को छोड़कर मैं शहर की गर्मी, प्रदूषण और गाड़ियों के शोर में चला गया मेरे से बड़ा मुर्ख कौन होगा, मै सोचता रहा कि जब खूब पैसे कमा लूंगा तब वापस अपने पहाड़ आऊंगा पर ऐसा दिन समय कभी नहीं आया और न आएगा जब मैं खूब पैसे कमा लूंगा, मेरा लालच बढ़ता चला जायेगा, और मैं कभी पहाड़ लौटकर नहीं आ पहुँगा