ये उत्तराखण्ड की रेखा है, जिनकी आजकल लोग तारीफ़ करने में लगे है
डबल MA, LLB कर चुकी हैं लेकिन टैक्सी चला रही है
मेरी समझ में नही आ रहा है कि इनकी तारीफ़ करूँ या बुराई
घर चलाने के लिए मेहनत की तो तारीफ़ करता हूँ
लेकिन इतनी उच्च शिक्षित होते हुए इन्होने अपनी शिक्षा का उपयोग
करने के बजाये ऐसा काम चुना यह ठीक नहीं है
इससे देश में यही सन्देश जाएगा कि उच्च शिक्षा बेकार है और
घर चलाने के लिए छोटे काम ही ठीक हैं
कोई कितना भी और कुछ भी कहे, काम तो छोटा बड़ा होता ही है
शिक्षा के अनुरूप ही कार्य करना चाहिए
