Importance of Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमेरिका जाने वाले हैं। खास बात यह है कि मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बुलावे पर जा रहे हैं और यह स्टेट विजिट होगी यानी इसे राजकीय यात्रा का दर्जा दिया गया है। मोदी अब तक महज तीसरे ऐसे भारतीय नेता हैं, जिन्हें अमेरिका ने राजकीय यात्रा का न्योता दिया है। अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव के पहले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री की यह यात्रा कई मायनों में अहम मानी जा रही है। इसके साथ ही सबकी नजरें इस बात पर भी लगी हैं कि इस यात्रा में मोदी और बाइडेन की कैसी केमिस्ट्री दिखेगी क्योंकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ मोदी के करीबी रिश्तों की बात किसी से छिपी नहीं है।
क्या है मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग के हाथ मिलाने का मतलब?
मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाएगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है। यह यात्रा यूक्रेन युद्ध के साये में हो रही है। अमेरिका ने काफी दबाव बनाया था कि यूक्रेन युद्ध में भारत खुलकर रूस का विरोध करे। यह दबाव भी डाला गया कि भारत रूस से कच्चे तेल का आयात बंद कर दे जिससे रूस को आर्थिक नुकसान हो, लेकिन भारत ने ऐसा कुछ नहीं किया।
हालांकि इस एक नुक्ते को छोड़ दें तो भारत और अमेरिका के संबंध हाल के वर्षों में मजबूत ही हुए हैं। क्वॉड से लेकर आई2यू2 (I2U2) तक, हर मंच पर दोनों देश कंधे से कंधा मिलाकर चले हैं। क्वॉड भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती हरकतों से निपटने के लिए बनाया गया संगठन है। इसमें भारत और अमेरिका के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। वहीं I2U2 में इंडिया, इजरायल, अमेरिका और यूएई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका की राजकीय यात्रा
मोदी की आगामी यात्रा के बारे में व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत और अमेरिका, दोनों चाहते हैं कि ‘भारत-प्रशांत क्षेत्र सुरक्षित और समृद्ध’ बने और मोदी-बाइडेन की बातचीत से यह सोच और मजबूत होगी। जाहिर है इंडो-पैसिफिक रीजन का हवाला इसलिए दिया गया है क्योंकि अमेरिका इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती हरकतें रोकना चाहता है।
ऐसे पस-ए-मंजर के साथ मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की राजकीय यात्रा पर होंगे। इस यात्रा को लेकर जहां तमाम उम्मीदें हैं, वहीं कुछ दुविधा भी है। लेकिन इनके बारे में बात करने से पहले एक नजर डाल लेते हैं अमेरिका की स्टेट विजिट की रस्म पर।
ऐसी स्टेट विजिट केवल अमेरिका के राष्ट्रपति के न्यौते पर ही होती है। यह भी खास बात है कि कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति अपने चार साल के कार्यकाल में किसी विदेशी नेता को दो बार स्टेट विजिट का आमंत्रण नहीं दे सकता। जब कोई नेता अमेरिका की राजकीय यात्रा पर होता है तो उसका परंपरागत रूप से भव्य स्वागत होता है। अमेरिका पहुंचते ही हवाई पट्टी पर ही राजकीय स्वागत होता है। फिर व्हाइट हाउस पहुंचने पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अमेरिका के राष्ट्रपति परंपरा के अनुसार मोदी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन भी करेंगे। यह आयोजन 22 जून को होगा। राजकीय यात्रा पर अमेरिका जाने वाले नेताओं को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने का न्यौता दिया जाता है। राजकीय मेहमान को अमेरिकी राष्ट्रपति के अतिथि गृह ब्लेयर हाउस में ठहरने का इनविटेशन भी दिया जाता है।
