#गैरसैंण घोषित रूप से ग्रीष्म कालीन राजधानी। गैरसैंण की विकास यात्रा को ग्रीष्म कालीन संबोधन के साथ 6 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। ग्रीष्म कालीन संबोधन के साथ 6 ईंटें भी गैरसैंण में नहीं लगी। आज तो गैरसैंण में एस.डी.एम. बैठे इसके लिये वहां के नगर पालिका के अध्यक्ष को भगीरथ निर्णय लेना पड़ा है। मुझे विश्वास है कि ये सत्र तीन दिन भी नहीं चलेगा, सरकार को ठंड लगेगी।
हमने टैंट में विधानसभा सत्र संचालित किया था। टैंट से लेकर विधानसभा भवन तक की यात्रा, स्वयं अपनी कहानी कह रही है। हमने 2016 में शीत कालीन सत्र भराड़ीसैंण में आयोजित कर प्राकतिक चुनौती को ललकारा था। शुभ समाचार मिल रहा है कि गैरसैंण के लोग इस बार नगर पालिका के अध्यक्ष मोहन भंडारी जी के नेतृत्व में गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं। पहली बार गैरसैंण के लोग अपनी युवा नगर पालिका के अध्यक्ष के नेतृत्व में गैरसैंण को स्थायी राजधानी के लिये स्वयं प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं धामी सरकार और विधानसभा को भी एक सलाह देना चाहता हॅू, यदि ग्रीष्म कालीन राजधानी में कुछ भी सरकार नाम की चीज नहीं दिखाई देनी है तो फिर सरकार के ग्रीष्म कालीन राजधानी आदेश को विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर निरस्त कर देना चाहिये। ग्रीष्म कालीन राजधानी व्यंग है जो गैरसैंण के साथ जुड़ गया है।
हमारा संकल्प है कि 2027 में कांग्रेस सत्ता में आती है तो हम गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनायेंगे।
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