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#शनिदेव की कहानी बहुत प्रेरणादायक है। शनिदेव का जन्म सूर्य देव और छाया के घर हुआ था। उनका एक भाई भी था, जिसका नाम यम था।

शनिदेव के पिता सूर्य देव बहुत ही तेजस्वी और शक्तिशाली थे, लेकिन उनकी माता छाया बहुत ही धैर्यवान और संयमित थीं। शनिदेव ने अपनी माता से धैर्य और संयम की शिक्षा प्राप्त की।

एक बार, शनिदेव के पिता सूर्य देव ने उन्हें अपने साथ युद्ध में ले जाने के लिए कहा। लेकिन शनिदेव ने अपने पिता की बात नहीं मानी और कहा कि वह युद्ध में नहीं जाएंगे।

इस पर, सूर्य देव ने शनिदेव को श्राप दिया कि वह हमेशा के लिए काले और धीमे रहेंगे। शनिदेव ने अपने पिता के श्राप को स्वीकार किया और कहा कि वह अपने कर्मों के अनुसार जीवन जाएंगे।

इसके बाद, शनिदेव ने अपना जीवन एक साधु की तरह जीना शुरू किया। उन्होंने अपने जीवन में धैर्य, संयम और न्याय को महत्व दिया। शनिदेव की पूजा करने से लोगों को अपने जीवन में धैर्य, संयम और न्याय की प्रेरणा मिलती है।

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बधाई हो, नर्स मारिया विक्टोरिया जुआन !

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