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इस #सेलेब्रिटी नाई का नाम #अलीम है...
इसके हेयर कटिंग के #चार्जेस रु एक लाख से #प्रारम्भ होते हैं.... 99 % ग्राहक #हिन्दू #सेलेब्रिटी हैं..
😢🙏
रिटायर्ड कर्नल सूर्यप्रताप सिंह ने कानपुर से लखनऊ के लिए एक कैब बुक की थी। सफर के दौरान उन्होंने अपने किसी परिचित को फोन किया और वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर सरकार की तारीफ करने लगे। उन्होंने फोन पर वक्फ बोर्ड की तीखी आलोचना भी की। 🙏
कैब ड्राइवर वसीम को ये बातें नागवार गुज़रीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वसीम ने रास्ते में अपने कुछ साथियों को बुला लिया और मिलकर रिटायर्ड कर्नल की पिटाई कर दी। 😢
यह घटना अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन चुकी है, और सवाल उठ रहे हैं – क्या अब विचार व्यक्त करना भी खतरे से खाली नहीं?
सजग रहे 🙏 🙏 कलजुग चल रहा 👏
ये है दूल्हे राजा और साथ में है इनकी सासु मां ..!
आगामी 16 अप्रैल को इनकी बेटी के साथ इनका शादी होना तय हुआ था! करीब एक महीने पहले शादी की बातचीत फाइनल हुई थी!
उसी दौरान होने वाले दामाद जी ने सासु मां को एक मोबाइल दिया, और फिर नॉर्मल बातचीत चालू हुई! फिर कुछ दिनों में ही इन दोनों की केमिस्ट्री जमने लगी, और इतनी जमने लगी कि शादी के सीन से बेटी ही गायब हो गई!
होने वाले ससुर जी बैंगलोर में जॉब करते है! जब वो पिछली मर्तबा घर आये तो देखा कि होने वाले दामाद जी सासु मां से घंटों-घंटों तक बात करते है.. 24 में से 20 घण्टे फोन में ही लगे रहते है! होने वाली बीवी तो कहीं है ही नहीं, कोई संपर्क नहीं, बस हरदम हर वक्त सासु मां!
अब शादी के 9 दिन पहले सासु मां होने वाले दामाद जी के साथ फुर्र हो गई! घर में बेटी के लिए जो भी रुपये और गहनें-जेवरात जमा थे वो सब भी अपने साथ लेकर निकल ली। घर में अब कोई पैसा शेष नहीं!
इतना ही नहीं, होने वाले दामाद जी ने भागने के बाद होने वाले ससुर जी को फोन करके बताया कि, तुम लोगों ने सासु मां को 20 साल तक बहुत परेशान किया है, सताया है, जुल्म किया है.. अब इन्हें हमेशा के लिए भूल जाओ। ढूंढ़ने की कोशिश भी मत करना ..!
समाचार समाप्त धन्यवाद 😀
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
जय हिन्द जय भारत
एक बार एक हंस और हंसिनी सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!
हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !
भटकते-भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर से चिल्लाने लगा।
हंसिनी ने हंस से कहा- "अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है।"
हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ?? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।
पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।
सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ कर दो।
हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद! यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा, पीछे से उल्लू चिल्लाया, "अरे हंस, मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।"
हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ?? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!
उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।
दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये। कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी। पंचलोग भी आ गये!
बोले- भाई किस बात का विवाद है ??
लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!
लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और आपस में कहा कि, "भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए!
फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जाँच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!
यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया। उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली! रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ हंस, रुको!
हंस ने रोते हुए कहा कि "भैया, अब क्या करोगे ?? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?"
उल्लू ने कहा- "नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी! लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है!
"मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है। यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!"
बात बहुत गंभीर है अगर गम्भीरता से समझेंगे तो ही समझ आएगी वरना पढ़कर या बिना पढ़े आगे बढ़िए क्योंकि हमारे मीलाड लोग कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं फैसले देने में।
जय जिनेन्द्र 🙏👏♨️
साभार सोशल मीडिया