रुद्रप्रयाग की कवयित्री उपासना सेमवाल पुरोहित की ताजा घटना पर ये पंक्तियां समाज को एक सन्देश है।
ओ लड़की!
नूतन भारत के जन पथ पे शौर्य नये नित गढ़ना तुम ,
आकाशों के पार उड़ो, पर ज्योती मौर्य न बनना तुम ।
जौहर करती पद्मावती हो तुम ,
मां अनुसूया सी सती हो तुम ,
सुनो! विदुषी क्यों भटक रही हो,
मर्यादित कर्णावती हो तुम
तुम गंगा हो, वसुधारा हो,
तुम पावन हो, जा़रा हो
मर्यादाओं का उपवन हो तुम ,
प्रेम मधुर वृन्दावन हो तुम ,
कुबुद्धि ,कुतर्क, दुरभिक्ष चौर्य न बनना तुम ,
आकाशों के पार उड़ो पर ज्योती मौर्य न बनना तुम ।
#jyotimauryasdm
