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2 Jahre - übersetzen

Hello all lovely ladies 🥰

Here i am after a long time ⌚

So as i m here today so why not we should celebrate something 😀🎉🎉🥳🥳
Let's go 🥳
❤️Post your pic in saree and let's just celebrate The world saree day"❤️

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2 Jahre - übersetzen

फाँसी से एक दिन पूर्व फाँसी पाने वाले व्यक्ति को उसके सगे सम्बन्धियों से भेंट का अवसर मिलता है।
ठाकुर मुरलीधर ठकुराइन को साथ ना लाये थे कि माँ बहुत रोयेगी।
दल की ओर से शिव वर्मा भी सम्बन्धी बनकर बिस्मिल से मिल लेना चाहते थे। उन्होंने मुरलीधर जी से बात की पर उन्होंने झिड़क दिया। इधर माँ अपने से ही गोरखपुर पहुँच गई और जेल के फाटक पर पहले से मौजूद थीं। शिव वर्मा ने माता से अनुनय की तो वे बोलीं, तुम बिस्मिल के संगी हो और मेरे बेटे जैसे हो। मैं तुम्हें साथ ले चलूँगी कोई पूछे तो कह देना मेरे भतीजे हो, शेष मैं देख लूँगी।
नवम्बर १९२८ के चाँद पत्रिका के फाँसी अंक में बिस्मिल व उनकी माताजी की अन्तिम भेंट का जो मार्मिक विवरण प्रकाशित हुआ वह 'प्रभात' के छद्म नाम से शिव वर्मा ने ही लिखा था......
माँ जब 'बिस्मिल' के सामने आई तो वे रो पड़े।
इस पर कड़ाई से माँ ने अपने बालक को डाँट दिया कि "यह क्या कायरता दिखा रहे हो! मैं तो बड़े अभिमान से सिर ऊँचा करके आई थी कि मेरी कोख से ऐसे बहादुर ने जन्म लिया है जो अपने देश की आजादी के लिए विदेशी सरकार से लड़ रहा है। मुझे गर्व था कि मेरा बेटा उस सरकार से भी नहीं डरता जिसके राज में सूर्य अस्त नहीं हो सकता और तुम रो रहे हो ? यदि फाँसी का भय था तो इस मार्ग पर बढ़े ही क्यों थे ?"
बिस्मिल ने आँखें पोंछकर माँ को विश्वास दिलाया कि उसके आँसू मृत्यु के भयवश नहीं अपितु माता की ममता के प्रति थे। बिस्मिल अपने रोते हुए पिता को सांत्वना देते हुए कहा, "आप पुरूष होकर रोते हैं, आपसे तो आशा थी कि आप माता को सम्भालेंगे।"
आज इन क्रान्तियोगी रामप्रसाद 'बिस्मिल' जी का प्रयाण दिवस है। आज ही के दिन गोरखपुर कारागार के फाँसीघर में काकोरी ट्रेन एक्शन के दण्डस्वरूप अंग्रेजी शासन में आपको फाँसी दी गई थी। मृत्युपश्चात आपकी अन्त्येष्टि सरयू तट पर बाबा राघवदास जी ने की थी। बरहज में बाबा राघवदास जी के आश्रम में बिस्मिल जी की समाधि स्थित है।
अमित सिंह/Praveen Sharma
Chakradhar Jha

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