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Get in touch with MPIL, Identified as the leading manufacturer & supplier of Voltage, stabilizers & Transformers. In the Electrical Industry, MPIL is Muskaan Power Infrastructure Ltd.
Which is CPRI/ERDA/BIS Approved as an ISO 9001:2008 Certified Company. We deal in furnace transformers,isolation transformers, variable transformers, distribution transformers, power transformers, servo voltage stabilizers, voltage stabilizers, industrial stabilizers, rectifiers, dc rectifiers, regulators, stabilizers, voltage regulators, servo controlled voltage stabilizer electric rectifiers, power-saving devices, KVAR unit, PowerBoss generator, etc. Servo Controlled Voltage Stabilizer means A Servo Stabilizer is a Servo motor-controlled stabilization system that performs optimum voltage supply using a Buck/Boost transformer booster that captures voltage fluctuations from input and regulates current to the correct output. We deal in high-standard Stabilizers that have excellent features such as high durability and high efficiency because of their quality engineer team whose latest manufacturing technologies & quality raw material. Our Stabilizer gives great control against voltage a
lteration. During the process of manufacturing, our stabilizers are tested under the supervision of quality auditors to ensure the quality of products.
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Sua Road, Industrial Area – C, Dhandari Kalan, 141014 Ludhiana, Punjab, India
Contact person: Ravi Mahajan/Neeraj Mahajan
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💟👉क्या गर्लफ्रेंड होने से हमें कोई लाभ है?❤💑

👉प्यार होना एक बहुत खूबसूरत एहसास है अगर आपकी गर्लफ्रेंड है तो आप उससे प्यार करते हैं वह भी आपसे प्यार करती है। सोचिए इस नफरत भरी दुनिया में भी आप प्यार बांट रहे हैं। हुआ न लाभ?

👉गर्लफ्रेंड आपको जिंदगी जीना सिखाती है जब आप परेशानी में होते हैं वह आपकी मदद करती है आप वास्तविकता को महसूस करते हैं।

👉आपकी गर्लफ्रेंड आपको बुरी आदतों से बचाती है लड़कियों को यह बिल्कुल पसंद नहीं होता कि उनका प्रेमी किसी भी बुरी लत का शिकार हो अगर आप अपने प्यार के प्रति समर्पित हैं तो आप निश्चित ही अपनी बुरी आदतों को छोड़ देंगे।

👉सोचिए आप अपनी गर्लफ्रेंड को खुश रखने के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं आपकी हल्की फुल्की बातों से, आपके केयर करने से, छोटी मोटी चीजों से ही वह खुश हो जाती है यानी आप किसी की खुशी का कारण बनते हैं।

👉आपकी गर्लफ्रेंड आपको छोटी छोटी चीजों में खुशियां ढूंढना सिखाती है। यानी आप दुनिया को बेहतर समझ पाते हैं। आपकी गर्लफ्रेंड आपके अंदर कोमलता की भावना लाती है।

👉जब आप उसके साथ रहते हैं तो आपको पता चलता है कि वह कितनी तरह की शारीरिक और मानसिक पीड़ाओं से गुजरती है, फिर भी वह मुस्कुराती है और सारे काम करती है। सोचिए वह आपको कितनी बड़ी सीख देती है।

#नोट -

1. यहां मैंने उन गर्लफ्रेंड्स के बारे में लिखा है जिनके होने से आप वास्तव में ऐसा फील करते हैं अपवाद हर जगह होते हैं।

2. लेखक के इस जवाब का उद्देश्य गर्लफ्रेंड बनाने की प्रवृति को बढ़ावा देना नहीं है। कृपया सकारात्मक लें।

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कुछ दिन पहले एक परिचित के घर गया था। जिस वक्त घर में मैं बैठा था, उनकी मेड घर की सफाई कर रही थी। मैं ड्राइंग रूम में बैठा था, मेरे परिचित फोन पर किसी से बात कर रहे थे। उनकी पत्नी चाय बना रही थीं। मेरी नज़र सामने वाले कमरे तक गई, जहां मेड फर्श पर पोछा लगा रही थी।
अचानक मेरे कानों में आवाज़ आई।
“बुढ़िया अभी ज़मीन पर पोछा लगा है, नीचे पांव मत उतारना। मैं बार-बार यही नहीं करती रहूंगी।”
मैंने अपने परिचित से पूछा, “मां कमरे में हैं क्या?
“हां।”
“जब तक चाय बन रही है, मैं मां से मिल लेता हूं।”
“हां, हां। लेकिन रुकिए, अभी-अभी शायद पोछा लगा है, सूख जाए,फिर जाइएगा।”
"क्यों? गीला है तो मेड दुबारा लगाएगी। नहीं लगाएगी तो थोड़े निशान रह जाएंगे फर्श पर। क्या फर्क पड़ेगा?"
परिचित थोड़ा हैरान हुए । भैया ऐसा क्यों कह रहे हैं?
तब तक मैं कमरे में चला गया था। गीले पर्श पर पांव के खूब निशान उकेरता हुआ।
मैं मां के पास गया। मैंने उनके पांव छुए और फिर उनसे कहा कि चलिए आप भी ड्राइंग रूम में, वहां साथ बैठ कर चाय पीते हैं। चाय बन रही है। भाभी रसोई में चाय बना रही हैं।
मैंने इतना ही कहा था। मां एकदम घबरा गईं।
“अरे नहीं , अभी फर्श पर पांव नहीं रखना है। फर्श गीला है न, मेरे पांव के निशान पड़ जाएंगे।”
“पांव के निशान पड़ जाएंगे? वाह! फिर तो मैं उनकी तस्वीर उतार कर बड़ा करवा कर फ्रेम में लगाऊंगा। आप चलिए तो सही।”
पर मां बिस्तर से नीचे नहीं उतर रही थीं। उन्होंने कहा कि तुम चाय पी लो बेटा।
तब तक मेरे परिचित भी मां के कमरे तक आ गए थे।
उन्होंने मुझसे कहा कि मां सुबह चाय पी चुकी है। आप आइए भैया ।
"नहीं। मां के साथ मैं यहीं कमरे में चाय लूंगा।"
चमकते हुए टाइल्स पर मेरे जूते के निशान बयां कर रहे थे कि मैंने जानबूझ कर कुछ निशान छोड़े हैं। वो समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर मैंने ऐसा किया ही क्यों?
उन्होंने मुझसे तो कुछ नहीं कहा, लेकिन मेड को उन्होंने आवाज़ दी। "बबिता, जरा इधर आना। इधर भैया के पांव के निशान पड़ गए हैं, उन्हें साफ कर देना।"
बबीता ने गीला पोछा फर्श पर लगाया। जैसे ही फर्श की दुबारा सफाई हुई मैं फिर खड़ा होकर उस पर चल पड़ा। दुबारा निशान पड़ गए।
अब बबिता हैरान थी। मेरे परिचित भी। तब तक उनकी पत्नी भी कमरे में आ चुकी थीं।
उन्होंने कहा, " भैया, आइए चाय रखी है।"
मैंने परिचित की पत्नी से कहा कि ‘बुढ़िया’ के लिए चाय यहीं दे दीजिए।
मेरे परिचित ने मेरी ओर देखा।
मैंने कहा कि हैरान मत होइए।
वो चुप थे।
मैंने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि आप लोग मां को प्यार से बुढ़िया बुलाते हैं।
मेड वहीं खड़ी थी। सन्न। परिचित की पत्नी वहीं खड़ी थी, सन्न।
परिचित ने पूछा, "क्या हुआ भैया ?"
हुआ कुछ नहीं। मैंने खुद सुना है कि आपकी बबिता मां को बुढ़िया कह कर बुला रही थी। उसने मां को बिस्तर से उतरने से धमकाया भी था। यकीनन काम वाली ने मां को बुढ़िया पहली बार नहीं कहा होगा। बल्कि वो कह भी नहीं सकती उन्हें बुढ़िया। उसने सुना होगा। बेटे के मुंह से। बहू के मुंह से। बिना सुने वो नहीं कह सकती थी।
जाहिर है आप लोग प्यार से मां को इसी नाम से बुलाते होगे, तभी तो उनसे कहा।
पल भर के लिए धरती हिलने लगी थी। गीले फर्श पर हज़ारों निशान उभर आए थे।
मेरे परिचित के छोटे-छोटे पांव के निशान वहां उभरे हुए हैं। बच्चा भाग रहा है। मां खेल रही है बच्चे के साथ-साथ। एक निशान, दो निशान, निशान ही निशान। मां खुश रही है। बेटे के पांव देख कर कह रही है, देखो तो इसके पांव के निशान। बेटा इधर से उधर दौड़ रहा था। दौड़ता जा रहा था, पूरे घर में।
बुढ़िया रो रही थी। बहू की आंखें झुकी हुई थीं। बबिता चुप थी।
“भैया, गलती हो गई। अब नहीं होगा ऐसा। भैया बहुत बड़ी भूल थी मेरी।”
मेरे परिचित अपनी आंखें पोंछ रहे थे।
मैं चल पड़ा। सिर्फ इतना कह कर कि आँखें ही पोंछनी चाहिए। उस फर्श को तो चूम लेना चाहिए जहां मां के पांव के निशान पड़े हों।
साभार
इस कहानी के लिए इससे उपयुक्त चित्र कोई और नहीं लगा।✍️✍️💐💐

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# भारत मे बाघों की संख्या 2022 में(3167 हुई)-PM घोषणा
# प्रोजेक्ट टाइगर 1973 के 50 वर्ष पूर्ण।

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अतिमहत्वपूर्ण ❤️💯

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