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प्रेमानंद महाराज की तबीयत खराब होने और पदयात्रा न कर पाने के कारण भक्त निराश हैं, जिसके बाद पारस छाबड़ा ने उनकी सेहत पर नया अपडेट दिया है।
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अपनी परिस्थितियों से लड़कर। अपनी पृष्ठभूमि से उठकर। पद्मश्री जैसा सम्मान प्राप्त करके। अगली पीढ़ी को विरासत में कला की शिक्षा भी दे रही हैं। दुलारी देवी ने बहुत प्रेरित किया ❤️ #art #motivated

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अपनी परिस्थितियों से लड़कर। अपनी पृष्ठभूमि से उठकर। पद्मश्री जैसा सम्मान प्राप्त करके। अगली पीढ़ी को विरासत में कला की शिक्षा भी दे रही हैं। दुलारी देवी ने बहुत प्रेरित किया ❤️ #art #motivated

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अपनी परिस्थितियों से लड़कर। अपनी पृष्ठभूमि से उठकर। पद्मश्री जैसा सम्मान प्राप्त करके। अगली पीढ़ी को विरासत में कला की शिक्षा भी दे रही हैं। दुलारी देवी ने बहुत प्रेरित किया ❤️ #art #motivated

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अपनी परिस्थितियों से लड़कर। अपनी पृष्ठभूमि से उठकर। पद्मश्री जैसा सम्मान प्राप्त करके। अगली पीढ़ी को विरासत में कला की शिक्षा भी दे रही हैं। दुलारी देवी ने बहुत प्रेरित किया ❤️ #art #motivated

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अगर वर्दी पहनकर इंसानियत भूल जाए, तो कानून किसके लिए है?
गरीबी और मजबूरी को दबाने का कोई अधिकार किसी को नहीं।
आज सड़क पर एक महिला बेवजह पुलिस की मार सह रही है, कल शायद कोई और...
अगर चुप रहे तो अन्याय रोज़ बढ़ेगा।

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जागृति क्लब, सदर बाजार द्वारा सुसज्जित पंडाल में नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ दुर्गा जी की दिव्य प्रतिमा का दर्शन-पूजन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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भारत के महान साहित्यकार, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन!

हिंदी साहित्य को यथार्थ, संवेदना और समाज की गहराइयों से जोड़ने वाले अमर कथाकार मुंशी प्रेमचंद जी ने अपनी लेखनी से जनमानस के हृदय को स्पर्श किया।

उनकी कलम ने किसान-मजदूर की पीड़ा को शब्द, स्त्रियों के संघर्ष को सम्मान, और भारतीय समाज की नींव में मानवीयता का दीप जलाया।

उनका साहित्य आज भी अन्याय, असमानता और शोषण के विरुद्ध समाज को जागरूक करने की प्रेरणा देता है। हिंदी साहित्य में उनका अतुलनीय योगदान सदैव अमर रहेगा, और उनकी कालजयी रचनाएँ अनंतकाल तक जनचेतना का प्रकाश फैलाती रहेंगी।

नमन उस युगद्रष्टा को, जिसने कलम को समाज परिवर्तन का साधन बनाया।

#munshipremchand #punyatithi

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