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योगी मतलब चहुंमुखी विकाश
माननीय नेता प्रतिपक्ष महोदय,
आपको ज्ञात कराना चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री रहते हुए आप न तो कभी किसी दुकान पर गए, न ही जनता से सीधे मिले। आपको शायद यह फर्क समझना चाहिए कि सोशल मीडिया की रिपोर्टिंग और ग्राउंड रिपोर्टिंग में बहुत अंतर होता है।
योगी जी ने शैम्पू की बोतल उठाकर उसका रेट और जीएसटी दिखाया, ताकि जनता को वास्तविक जानकारी मिले। लेकिन अफसोस, आपने उस पर तंज कसा कि "जिसके सिर पर बाल नहीं, उसे शैम्पू की क्या ज़रूरत?"
महोदय, यह सोचनीय है कि जो नेता जनता के बीच जाकर वास्तविकता दिखाता है, उस पर इस तरह का कटाक्ष करना आपकी राजनीतिक परिपक्वता और स्तर दोनों पर सवाल खड़े करता है।
👉 असली सवाल यह है कि जनता की सेवा करने वाला नेता दुकान में क्या देख रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क इससे पड़ता है कि नेता जनता के बीच जाकर उनके साथ खड़ा है या नहीं।
जय श्री राम ❤️🥰🕉️
योगी मतलब चहुंमुखी विकाश
माननीय नेता प्रतिपक्ष महोदय,
आपको ज्ञात कराना चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री रहते हुए आप न तो कभी किसी दुकान पर गए, न ही जनता से सीधे मिले। आपको शायद यह फर्क समझना चाहिए कि सोशल मीडिया की रिपोर्टिंग और ग्राउंड रिपोर्टिंग में बहुत अंतर होता है।
योगी जी ने शैम्पू की बोतल उठाकर उसका रेट और जीएसटी दिखाया, ताकि जनता को वास्तविक जानकारी मिले। लेकिन अफसोस, आपने उस पर तंज कसा कि "जिसके सिर पर बाल नहीं, उसे शैम्पू की क्या ज़रूरत?"
महोदय, यह सोचनीय है कि जो नेता जनता के बीच जाकर वास्तविकता दिखाता है, उस पर इस तरह का कटाक्ष करना आपकी राजनीतिक परिपक्वता और स्तर दोनों पर सवाल खड़े करता है।
👉 असली सवाल यह है कि जनता की सेवा करने वाला नेता दुकान में क्या देख रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क इससे पड़ता है कि नेता जनता के बीच जाकर उनके साथ खड़ा है या नहीं।
जय श्री राम ❤️🥰🕉️
योगी मतलब चहुंमुखी विकाश
माननीय नेता प्रतिपक्ष महोदय,
आपको ज्ञात कराना चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री रहते हुए आप न तो कभी किसी दुकान पर गए, न ही जनता से सीधे मिले। आपको शायद यह फर्क समझना चाहिए कि सोशल मीडिया की रिपोर्टिंग और ग्राउंड रिपोर्टिंग में बहुत अंतर होता है।
योगी जी ने शैम्पू की बोतल उठाकर उसका रेट और जीएसटी दिखाया, ताकि जनता को वास्तविक जानकारी मिले। लेकिन अफसोस, आपने उस पर तंज कसा कि "जिसके सिर पर बाल नहीं, उसे शैम्पू की क्या ज़रूरत?"
महोदय, यह सोचनीय है कि जो नेता जनता के बीच जाकर वास्तविकता दिखाता है, उस पर इस तरह का कटाक्ष करना आपकी राजनीतिक परिपक्वता और स्तर दोनों पर सवाल खड़े करता है।
👉 असली सवाल यह है कि जनता की सेवा करने वाला नेता दुकान में क्या देख रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क इससे पड़ता है कि नेता जनता के बीच जाकर उनके साथ खड़ा है या नहीं।
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