छत्तीसगढ़: हिंदू संगठनों ने किया क्रिसमस का विरोध, कई जगह तोड़फोड़
पूरी ख़बर: https://bbc.in/4jjrEWa
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छत्तीसगढ़: हिंदू संगठनों ने किया क्रिसमस का विरोध, कई जगह तोड़फोड़
पूरी ख़बर: https://bbc.in/4jjrEWa
घाना में एक शख्स ने खुद को आधुनिक समय का नोआ घोषित कर लिया है. उसने बाइबल में नोआ (Noah) की कहानी से खुद को जोड़ते हुए एक बड़ी नाव (ऑर्क ऑफ नूह) भी बनाई है और उसका दावा है कि 25 दिसंबर को भारी बारिश के साथ प्रलय वाली बाढ़ आएगी और इस नाव में शरण लेकर ही लोग जान बचा सकते हैं.
इस दावे के बाद इसे सच मानकर हजारों लोग डरकर उसकी बनाई नावों पर शरण लेने भी पहुंच गए. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें लोगों को एबो की नाव में अपनी जगह पहले से बुक करते देखा जा सकता है.
पूरी खबर :https://intdy.in/fqrge4
#ghana #noahark #atcard #aajtaksocial
ये कहानी है झारखंड के गिरीडीह की जहां एक आदमी अपने ससुराल में जेसीबी चला देता 😀 अब कहिए कोई बहुत बड़ा कारण होगा तब ना, ना तब हर कोई ससुराल में अच्छा संबंध और अच्छा इमेज चाहता है। हुआ यूं कि महिला की शादी जब हुई वो ससुराल पहला बार आई गई, फिर जब दुसरे बार आई तो काम करना पड़ता... अब ससुराल भी काम करने की चीज होती है..वो भाग भाग कर मायके आ जाती..पति परेशान इस बार जब आई तो पति लेने गया व़ो आने को तैयार नहीं बस चला दिया गुस्से में जेसीबी 😀 एक तरफ पत्नी का कहना है कि पति दारू पीता था..
अब दो बात निकल के आती आजकल जब लड़कियों की शादी होती वो सपने में अक्षरा-नैतिक, विराट-अनुष्का जैसा चाहते.. मां बाप अपनी हैसियत से बढ़ लड़का सबका खोजते लेकिन लड़की खुद को तान्या मित्तल जैसे कहती कि हम तो चांदी की ग्लास में पानी पीते.. जबकि रियल दुनिया में देखा जाए लड़की हो या लड़का दोनों को सारा काम खुद देखना होता.. पहले वाला जमाना गया कि सास ननद है पिस रहे अब दोनों पति-पत्नी हैं फिर भी चाहते काम ना करें..
दुसरा दारू मेरे हिसाब से ये पीना गलत नहीं है, हां पी कर मार पीट करें तो तुम भी बदले में मारो..अबला नारी का ढोंग कब तक करना..
नोट- अब इन दोनों का असली मामला क्या है पता नहीं.. हो सकता बेचारा पति बेइंतहा मोहब्बत करता हो बीबी को कद्र नहीं..
तुम पर गर्व है भाई, भगवान शिव तुम्हारी रक्षा ज़रूर करेंगे 👏🏻
#fblifestyle
दोस्तों नंगी अवस्था में ये जो फ्रिज में पैक मोहतरमा है डनक
नाम "काजल" है, इन मोहतरमा को लोग "काजल दीदी" के
नाम से जानते
महान "काजल दीदी"
आज के माडर्न यूग की नारी
सशक्तिकरण की बडी ही प्रचंड समर्थक और सेकलरिज्म की
"देवी" "काजल दीदी", सेकुलरिज्म इन मोहतरमा के खून मे
बसता 2
तो महान काजल दीदी अपने मां बाप और घर परिवार को
छोड़कर सेकुलरिज्म के ब्रांड शब्बीर मियां के साथ रहने लगी,.
डन मोहतरमा को मां बाप के साथ रहने वाली जिंदगी एक जेल
मे बंद कैदी के जिंदगी के समान लगने लगी,.
तो एक दिन ये मोहतरमा सेकलरिज्म के ब्रांड एम्बेस्डर शब्बीर
मियां के साथ फरार हो गई, द्निया को मोहब्बत, आजादी और
सेक्युलरिज्म का संदेश देने,
कुछ समय तक तो सब क्छ नार्मल रहा,
लोकन कछ समय बाद अचानक
शब्बीर मियां का मजहबी
ईमान जग गया,तो शब्बीर मियां अपने दीन के 7-8 मोमिनों को घर बलाया और
महान समाज सुधारक काजल दीदी का रेप करवा दिया,
पहले तो शब्बीर मियां अपने दोस्तों के साथ मिलकर काजल
को पागल कत्तों की तरह तब तक नोचते रहे जब तक वो बेहोश
नही ह़ई,
फिर बेहोशी के हालत में ही उठाकर जिंदा फ्रीज में पैक कर
दिया ताकि बाद मे फिर काम आ सके,.
लेकिन फ्रीज मे ठंड की वजह से काजल की मौत हो गइे,
और काजल की मौत के साथ उनके अन्दर मौजूद सक्युलारेज्म
कीडे की भी मौत हो गई,.
नामक
उसके बाद शब्बीर एंड पार्टी दसरे भी वहां पहुंची टाइम पास
करने
लेकिन फ्रिज खोलकर देखा तो ये मोहतरमा तो मर चुकी थी,
अब क्या करें
लेकिन इस्लामिक हैवानियत की हद तो तब पार हो गई जब उन
आठों दरिंदों ने उस लाश के साथ ही टाइम पास करना शूरु कर
दिया,
और यही नही अभी और आगे सूनिए,,.
टाइम पास करने के बाद फिर से उठाकर लाश को फ्रीज मे डाल
दिया, और लगभग एक हप्ते तक टाइम पास करते रहे,
एक लाश के साथ चार-पांच घंटे तक लगातार टाइम पास करते
और फिर से उठाकर फ्रिज मे पैक कर देते,
यह करूर और दिल दहला देने वाली घटना असम राज्य की है,वैसे ज्यादा भावनाओं मे बहने की जरूरत नही है, क्योंकि
आपकी भावनाओं की मां बहन करने के लिए- काला कोट
पहनकर कोर्ट के दलाल तैयार बैठे हैं,,जो मानवता की दुहाई
देते हए सब्तों और गवाहों के अभाव में इन्हें बा-इज्जत बरो कर
देते हैं ताकि फिर से ये किसी के साथ टाइम पास कर
सकें,
जय हो सुप्रीम कोर्ट और संविधान की,
वैसे आप सभी ये पोष्ट पढिए उसके बाद मंदिर जाइए, मन्दिर में
गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ बनाया और मुग़ल सत्ता को सीधी चुनौती दी। अपने चारों बेटों की शहादत दी, दो को दीवार में जिंदा चुनवाया गया, दो युद्ध में शहीद हुए। फिर भी बोले, "सिर जाए तो जाए, धर्म न जाए।
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#sikhhistory
#indian