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सात समंदर पार से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा पहुंची चेक गणराज्य की राजकुमारी जित्का क्लेट की खोई हुई शादी की अंगूठी को पातालकोट के आदिवासियों ने खोजकर ईमानदारी की अनोखी मिसाल पेश की है.
इस अंगूठी की कीमत करीब 22 लाख रुपए थी और इसे खोजने के लिए राजकुमारी ने 5 लाख रुपए के इनाम का ऐलान किया था. लेकिन आदिवासियों ने इसे अपनी मेहमान और बहन मानते हुए केवल 41 हजार रुपए ही स्वीकार किए. यह घटना देश-विदेश में चर्चा का विषय बन गई है.
यह पूरा मामला छिंदवाड़ा के प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य प्रकाश इंडियन टाटा से जुड़ा है, जो पातालकोट की जड़ी-बूटियों से रोगियों का इलाज करते हैं. प्रकाश टाटा ने बताया कि 6 महीने पहले वे यूरोप के दौरे पर थे, जहां मैक्स इन द वर्ल्ड कंपनी ने उन्हें छह देशों में आयुर्वेद और योग के शिविर लगाने के लिए आमंत्रित किया था. इस दौरान उनकी मुलाकात चेक गणराज्य की प्राग निवासी राजकुमारी और फैशन डिजाइनर जित्का क्लेट से हुई. जित्का स्पाइन की गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं, जिसका इलाज वैज्ञानिक चिकित्सा में संभव नहीं था. प्रकाश टाटा ने आयुर्वेदिक दवाओं से उनका इलाज शुरू किया, और छह महीने में उन्हें काफी राहत मिली.
पहलगाम हमले पर झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि भारत किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं और दहशतगर्दों को इस हमले का करारा जबाव दिया जाएगा. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे, पाकिस्तान नाम का देश इस पृथ्वी पर नहीं बचेगा.
"कोई इतना पत्थरदिल कैसे हो सकता है?" - यही सवाल सोशल मीडिया पर हर किसी के दिल में उठ रहा है, हम 21वीं सदी में जरूर जी रहे हैं, लेकिन सोच अब भी कहीं न कहीं पुराने ज़माने में अटकी हुई है।
आज भी बेटा-बेटी में फर्क किया जाता है, और इसका ताज़ा उदाहरण हाल ही में एक अस्पताल से सामने आया है, जहां एक दंपति ने सिर्फ इसलिए अपनी नवजात बेटी को छोड़ दिया क्योंकि वह लड़की थी। इस दिल को छू जाने वाले मामले को डॉक्टर सुषमा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसका वीडियो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। एक मां, एक महिला और एक डॉक्टर के तौर पर सुषमा का दर्द उनकी बातों में साफ झलकता है। यह घटना न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वाकई हम बदल पाए हैं?
कर्नाटक के बस ड्राइवर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा रहा है कि बस ड्राइवर ने नमाज पढ़ने के लिए बस खड़ी कर दी थी. जिसकी वजह से बस में बैठे यात्रियों की यात्रा में देरी हुई. कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बस में हुई इस घटना के बाद चालक-सह-कंडक्टर जांच के दायरे में गए हैं.
जानिए क्या है पूरा मामला.
बस खड़ी कर पढ़ी नमाज
आधिकारिक ड्यूटी के दौरान कोई भी धार्मिक काम करने की मनाही होती है. इसके बावजूद भी कर्नाटक में बस ड्राइवर ने बस रोककर नमाज पढ़ी. इसका वीडियो वायरल होते ही लोग तरह- तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वीडियो में वर्दीधारी कर्मचारी बस के अंदर सीट पर नमाज अदा करते हुए दिखाई दे रहा है, जबकि यात्री बस का इंतजार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि बस के कुछ समय तक रुकने की वजह से बस में अनिर्धारित देरी हुई, जिससे काम के समय और सार्वजनिक संसाधनों के कथित दुरुपयोग को लेकर आलोचना हो रही है.