imageimage

image
4 D - Traducciones

कौरव पांडव युद्ध के मिले सबूत

जमीन से निकला हजारों साल पुराना शिवलिंग

अब तक का सबसे भयानक युद्ध महाभारत का युद्ध था जो कौरवों और पांडवों के बीच हुआ था। बात वैज्ञनिकों के जरिए से आई है, उसी के बाद अब लोग मान रहे हैं कि महाभारत कपोल कल्पना नहीं, बल्कि कौरव-पांडवों ने दिल्ली-हस्तिनापुर में कई वर्षो तक राज किया था। 11 साल पहले यहां खुदाई के दौरान ऐतिहासिक साक्ष्य मिले थे, जिनका परीक्षण करने के लिए पुरातत्व विभाग की टीम ले गई थी। जिसके जरिए पता चला था कि जाजमऊ महाभारत काल के राजा ययाति का नगर हुआ करता था।

image

image

image

image

imageimage
4 D - Traducciones

जब कोई मुझसे पूछता है कि असली भारत कहाँ बसता है, तो मेरे ज़हन में एक ही नाम गूंजता है—गुवाहाटी। यह शहर केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि एक अनुभव है—एक ऐसी जादुई यात्रा, जहाँ प्रकृति, संस्कृति और लोगों की आत्मीयता मिलकर कुछ ऐसा रचते हैं जो सीधे दिल को छू जाता है।
पूर्वोत्तर भारत का प्रवेशद्वार कहलाने वाला गुवाहाटी, प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा शहर है जो हर सैलानी को अपने रंग में रंग देता है। जैसे ही यहाँ कदम रखा, ऐसा महसूस हुआ मानो समय कुछ पल के लिए थम गया हो। चारों ओर हरियाली से ढकी पहाड़ियाँ, नीले आकाश की छांव, और सूर्य की रोशनी में चमकता ब्रह्मपुत्र—ये सब मिलकर एक ऐसी छवि गढ़ते हैं जो आँखों से ज़्यादा दिल में उतरती है।
सुबह-सुबह ब्रह्मपुत्र के किनारे सैर करना एक ध्यान की तरह लगता है। वहीँ, कामाख्या मंदिर की पवित्रता एक आध्यात्मिक स्पर्श दे जाती है। और अगर आप किसी लोकल चाय की दुकान पर बैठकर लोगों से बातें करने लगें, तो आपको महसूस होगा कि यहाँ की सबसे बड़ी खासियत सिर्फ़ इसके दृश्य नहीं, बल्कि यहाँ के लोग हैं।
गुवाहाटी में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम है। एक ओर सदियों पुराने मंदिर, सांस्कृतिक उत्सव और पारंपरिक संगीत की गूंज; तो दूसरी ओर युवाओं से भरी गलियाँ, कैफे, आर्ट गैलरीज़ और आधुनिक सोच। हर गली एक कहानी सुनाती है, और हर मोड़ पर एक नया अनुभव आपका इंतज़ार करता है।
यह शहर केवल देखने की चीज़ नहीं, जीने का अनुभव है। गुवाहाटी एक ऐसा अहसास है जो आपकी आत्मा को छूता है, सोच को नया आयाम देता है, और यात्रा को महज़ एक सफर नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बना देता है।

image
4 D - Traducciones

जब कोई मुझसे पूछता है कि असली भारत कहाँ बसता है, तो मेरे ज़हन में एक ही नाम गूंजता है—गुवाहाटी। यह शहर केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि एक अनुभव है—एक ऐसी जादुई यात्रा, जहाँ प्रकृति, संस्कृति और लोगों की आत्मीयता मिलकर कुछ ऐसा रचते हैं जो सीधे दिल को छू जाता है।
पूर्वोत्तर भारत का प्रवेशद्वार कहलाने वाला गुवाहाटी, प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा शहर है जो हर सैलानी को अपने रंग में रंग देता है। जैसे ही यहाँ कदम रखा, ऐसा महसूस हुआ मानो समय कुछ पल के लिए थम गया हो। चारों ओर हरियाली से ढकी पहाड़ियाँ, नीले आकाश की छांव, और सूर्य की रोशनी में चमकता ब्रह्मपुत्र—ये सब मिलकर एक ऐसी छवि गढ़ते हैं जो आँखों से ज़्यादा दिल में उतरती है।
सुबह-सुबह ब्रह्मपुत्र के किनारे सैर करना एक ध्यान की तरह लगता है। वहीँ, कामाख्या मंदिर की पवित्रता एक आध्यात्मिक स्पर्श दे जाती है। और अगर आप किसी लोकल चाय की दुकान पर बैठकर लोगों से बातें करने लगें, तो आपको महसूस होगा कि यहाँ की सबसे बड़ी खासियत सिर्फ़ इसके दृश्य नहीं, बल्कि यहाँ के लोग हैं।
गुवाहाटी में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम है। एक ओर सदियों पुराने मंदिर, सांस्कृतिक उत्सव और पारंपरिक संगीत की गूंज; तो दूसरी ओर युवाओं से भरी गलियाँ, कैफे, आर्ट गैलरीज़ और आधुनिक सोच। हर गली एक कहानी सुनाती है, और हर मोड़ पर एक नया अनुभव आपका इंतज़ार करता है।
यह शहर केवल देखने की चीज़ नहीं, जीने का अनुभव है। गुवाहाटी एक ऐसा अहसास है जो आपकी आत्मा को छूता है, सोच को नया आयाम देता है, और यात्रा को महज़ एक सफर नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बना देता है।

image
4 D - Traducciones

जब कोई मुझसे पूछता है कि असली भारत कहाँ बसता है, तो मेरे ज़हन में एक ही नाम गूंजता है—गुवाहाटी। यह शहर केवल एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि एक अनुभव है—एक ऐसी जादुई यात्रा, जहाँ प्रकृति, संस्कृति और लोगों की आत्मीयता मिलकर कुछ ऐसा रचते हैं जो सीधे दिल को छू जाता है।
पूर्वोत्तर भारत का प्रवेशद्वार कहलाने वाला गुवाहाटी, प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा शहर है जो हर सैलानी को अपने रंग में रंग देता है। जैसे ही यहाँ कदम रखा, ऐसा महसूस हुआ मानो समय कुछ पल के लिए थम गया हो। चारों ओर हरियाली से ढकी पहाड़ियाँ, नीले आकाश की छांव, और सूर्य की रोशनी में चमकता ब्रह्मपुत्र—ये सब मिलकर एक ऐसी छवि गढ़ते हैं जो आँखों से ज़्यादा दिल में उतरती है।
सुबह-सुबह ब्रह्मपुत्र के किनारे सैर करना एक ध्यान की तरह लगता है। वहीँ, कामाख्या मंदिर की पवित्रता एक आध्यात्मिक स्पर्श दे जाती है। और अगर आप किसी लोकल चाय की दुकान पर बैठकर लोगों से बातें करने लगें, तो आपको महसूस होगा कि यहाँ की सबसे बड़ी खासियत सिर्फ़ इसके दृश्य नहीं, बल्कि यहाँ के लोग हैं।
गुवाहाटी में परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम है। एक ओर सदियों पुराने मंदिर, सांस्कृतिक उत्सव और पारंपरिक संगीत की गूंज; तो दूसरी ओर युवाओं से भरी गलियाँ, कैफे, आर्ट गैलरीज़ और आधुनिक सोच। हर गली एक कहानी सुनाती है, और हर मोड़ पर एक नया अनुभव आपका इंतज़ार करता है।
यह शहर केवल देखने की चीज़ नहीं, जीने का अनुभव है। गुवाहाटी एक ऐसा अहसास है जो आपकी आत्मा को छूता है, सोच को नया आयाम देता है, और यात्रा को महज़ एक सफर नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा बना देता है।

imageimage