Discover postsExplore captivating content and diverse perspectives on our Discover page. Uncover fresh ideas and engage in meaningful conversations
गोरखपुर जिला अस्पताल में एक महिला ने बच्चे को जन्म देने के बाद उसे अपनाने और दूध पिलाने से साफ इनकार कर दिया। महिला ने डॉक्टरों से कहा कि उसका पति उसे छोड़कर दूसरी लड़की के साथ भाग गया है, इसलिए वह इस बच्चे को नहीं रखेगी, चाहे उसे कूड़े में फेंक दिया जाए।
दरभंगा की रहने वाली यह महिला दिल्ली से लौट रही थी जब जीआरपी ने उसे प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती कराया। उसने आर्थिक तंगी और अकेलेपन का हवाला देते हुए बच्चे को दूध पिलाने से भी मना कर दिया, जिसके बाद बच्चे को दूसरों से फीडिंग करानी पड़ी। हालांकि, अस्पताल प्रशासन और चाइल्ड हेल्पलाइन की 48 घंटे की काउंसलिंग के बाद वह बच्चे को अपने साथ रखने के लिए राजी हो गई।
13 साल की अफशीन गुल की गर्दन एक हादसे में 90 डिग्री पर झुक गई आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता मासूम के इलाज पर पैसा खर्च करने में असमर्थ थे लेकिन तभी दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉ. राजगोपालन कृष्णन ने 13 साल की अफशीन गुल का मुफ्त में ऑपरेशन कर उसकी जिंदगी बदल दी।
पाकिस्तान के सिंध प्रदेश की रहने वाली 13 साल की अफशीन गुल 10 महीने की उम्र में अपनी बहन की गोद से फिसल गई थी जिससे उसकी गर्दन 90 डिग्री पर झुक गई मासूम के माता-पिता उसे एक डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ. मासूम का दर्द बद से बदतर होता गया. आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता मासूम के इलाज पर पैसा खर्च करने में असमर्थ थे। जिसके बाद अफशीन कभी स्कूल नहीं जा सकती थी और न ही अपने दोस्तों के साथ खेल सकती थी.
ऐसे में उम्मीद की किरण बनकर सामने आए सीमा पार के डॉक्टर राजगोपालन कृष्णन जिन्होंने मासूम के जीवन के अंधकार को दूर किया। दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉ. राजगोपालन कृष्णन ने 13 साल की अफशीन गुल का मुफ्त में ऑपरेशन कर उसकी जिंदगी बदल दी।
चार मेजर ऑपरेशनों से गुजर कर अफशीन की गर्दन को ठीक हो सकी. अब मासूम के चेहरे की मुस्कुराहट लौट आई है और बात भी कर पा रही है। 🙏💐
#fblifestyle
भारत के स्वाभिमान की अमर गूंज 'काकोरी ट्रेन एक्शन' के नायक पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
मातृभूमि के सम्मान और स्वतंत्रता की लौ को प्रज्वलित रखने हेतु आप सभी ने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।
आपकी विरासत हमें राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का संकल्प देती रहेगी।