3 anos - Traduzir

"गोरे रंग पे ना इतना गुमान कर, गोरा रंग दो दिन में ढल जाएगा,
मैं शमा हूँ तू है परवाना, मुझसे पहले तू जल जाएगा ";.....
मुमताज जी की कौन सी फिल्म आपको पसंद है,?कौन सा गाना, याद है??😊

image
3 anos - Traduzir

पहले वाला इतवार याद है किसी को कपड़े
धोकर कलफ लगाके खुद ही कपड़े प्रेस करना
सर्दी में छतों पर घूप को सेकना नंगी आंखो से
नीला सा आसमान देखना,बादल की दीवार भी
होती होगी कहीं पर मनों में सोचना लाइट चली
जाने पर ट्राजिस्टर रेडियो को सुनना,खुली छत
पर तेज सुनहरी धूप में चटाई बिछाकर सोना
स्कूल से आकर वो बासी रोटी ठंडी खिचड़ी को
खाना ,अंगीठी पर गर्म पानी कर के नहाना।
42 इंच की एल,ईडी हर दीवारों पर लटकी हुई
हैं चार सौ चैनल हर घर में इनवर्टर पर शुकून
नहीं पहले था प्यार सबमें छल,कपट नहीं अब
पहले वाला दिलों में बचा प्रेम नहीं ,सुकून चैन
दिल में होता है, चीजों में नहीं,लिखने का मुझे
जुनून है आत्मा को मेरी मिलता सुकून है।✍️
हम लोग, बिक्रम बेताल,दादा दादी की कहानी
चित्रहार,रंगोली, रामायण, महाभारत,चाणक्य
मालगुडी डेज ,अलिफ लैला, स्वाभिमान, या
शक्ति मान,और दूर दर्शन की वो धुन,मिले सुर
मेरा तुम्हारा, समाचार में भी मज़ा आता था।
रविवार का दिन हम सबके जीवन में बहुत
महत्व रखता था बचपन में भी और आज भी
सुबह -सुबह महाभारत और रामायण के वो
दिन याद आते है घर और मोहल्ले के लोग
एक टीवी होती थी उसके आगे बीस लोग
बैठते थे लाइट चली जाती थी तो बैटरी से
टीवी चलाते थे,साथ में चाय पकोड़ी समोसा
का नाश्ता और जरा सा टीवी अगर साफ नहीं
आ रही तो छत पर जाकर एंटीना को हिलाना
अब तो हर कमरे में एलईडी लटकी हैं पर
लोग नहीं देखने वाले पहले ब्लैक एंड व्हाइट
टीवी में जो मज़ा आता था वो अब नहीं आता,
पहले हमारे घर में लोकल कंपनी का ब्लैक एंड
वाइट टीवी था मेरे यहां ईसी कंपनी का टीवी
आया था,टीवी पर onida कंपनी की ऐड बहुत
आती थी।उस ऐड में एक आदमी के सींग होते
थे अब सींग से टीवी का क्या मतलब था
पता नहीं। ब्लैक एंड वाइट टीवी पर कलर पन्नी
लगाकर ही उसे कलर टीवी बना लेते थे। टीवी
पर ही एक steblizer भी था।जब टीवी में कुछ
झिलमिल आती थी तो एक हाथ steblizer में
मारते थे या फिर टीवी में पीछे से हाथ मारते थे।
एक हाथ मारते ही टीवी की झिलमिल गायब हो
जाती थी,बड़े बड़े लोग कुर्सी पे और बुजुर्ग लोग
तख्त पर बच्चे जमीन में बैठते थे। एंटीना को
हिलाने का जिम्मा किसी होशियार के हाथ में
होता था वही छत पर जाता था और किसी
इंजीनियर से कम नहीं आंका जाता था
आवाज चित्र सब सेट करता था टीवी की चेंनल
बदलने वाली नोज निकल जाती थी और कुछ
टाइम बाद वो भी खो जाती थी फिर उसके बाद
उसे प्लास से ही बदलना पड़ता था,ऐसा लगभग
हर किसी के घर में होता था। टीवी पर टीवी
पर कबर चढ़ाकर रखते थे धूल मिट्टी ना जाए
और ऊप र से दो गुलदस्ते भी रखे हुए होते थे।
अब बड़ी-बड़ी एलईडी लटकी रहती है घूल को
खाती रहती हैं।
जब टीवी खराब हो जाती थी तो एक अटैची
लिए नफीस भाई जो मेकेनिक थे बड़ी मान
मनौव्वल से आते थे उनको चाय नाश्ता दिया
जाता था और घर के सारे लोग खासकर हम
उनकी शक्ल देखते थे कि कोई बड़ी कमी ना
बता दें उनको बीच बीच में बताते रहते थे कि
कल रात में तो सही बन्द की थी उसके बाद
पता नहीं क्या हुआ बन्द हो गई वो माथे का
पसीना को पोछते हुए काहिया लगाते मीटर
लगाते थे मन जी मन भगवान का प्रसाद बोल
देते थे कि जल्दी सही हो जाए टीवी जब सही
होती थी टीवी तब जान में जान आती थी,
इतवार का दिन बहुत खास होता था लड़कियां
बाल धोए अधिकतर मिलती थी,गंगा जमुना
घड़ी

image
classicgold igvwow Criou um novo artigo
3 anos - Traduzir

IGV Goldmaking Guide for World of Warcraft: Dragonflight in 2022 | #wow classic gold

classicgold igvwow Mudou sua imagem de perfil
3 anos

image

image

image

image

image

image

image