कभी-कभी एक डॉक्टर सिर्फ इलाज नहीं करता, बल्कि इंसानियत, संवेदनशीलता और सेवा भाव की वो मिसाल पेश करता है, जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक और भावनात्मक किस्सा सामने आया है, जिसमें एक डॉक्टर ने गर्भवती महिला को खाट पर उठाकर 10 किलोमीटर तक पैदल चलकर अस्पताल पहुँचाया, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों की जान बचाई जा सके।
असल में इस गांव तक पहुंचने के लिए कच्चा रास्ता, जंगल, नदी, पहाड़ रास्ते में पड़ते हैं. डॉक्टर ने इन सबकी परवाह किए बिना रात में इस गांव में पहुंचकर गर्भवती महिला की डिलीवरी में मदद की. लेकिन डिलीवरी के बाद महिला की हालत खराब होने लगी, जिसके बाद उन्होंने महिला को तुरंत अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया।
डॉक्टर ओमकार ने हार ना मानते हुए अपने मरीज के दर्द को समझा और परिजन के साथ उस खाट को उठाकर 10 किलोमीटर पैदल चले, जिसमें महिला लेटी हुई थी. वह जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने के लिए कोशिश कर रहे थे ताकि महिला के साथ-साथ उसके बच्चे को भी उचित देखभाल मिल सके।
करीब 2 घंटे की कठिन यात्रा के बाद डॉक्टर महिला को अस्पताल पहुंचाने में सफल रहे महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टर ओमकार ने जिस तरह कोशिश की, वो उनके प्रोफेशन का मान बढ़ाता है. अपने काम के प्रति उन्होंने दुनिया को ये दिखा दिया कि आप जिस भी पेशे में काम कर रहे हैं उसकी पूरी इज्जत करें।
इस डॉक्टर ने सिर्फ एक जा'न नहीं बचाई, बल्कि इंसानियत की सबसे खूबसूरत मिसाल पेश की। 10 किलोमीटर पैदल चलकर गर्भवती महिला की मदद करना किसी देवता से कम नहीं।
#fblifestyle