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बहन फाउंडेशन के तत्वावधान में आज बहन अंजुमा सचान एवं बहन दीपिका सोनी का केक काटकर जन्मदिन मनाया।
ईश्वर आप दोनों बहनों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करे।
#sevakajaykapoor #bjp #bjp4india #kanpur #happybirthday
बहन फाउंडेशन के तत्वावधान में आज बहन अंजुमा सचान एवं बहन दीपिका सोनी का केक काटकर जन्मदिन मनाया।
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SIR का विरोध वही लोग कर रहे हैं
जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को आधार और वोटर कार्ड दिलाने में लगे थे। इस बात से कौन सहमत है?
#fblyfestyle
11 वर्ष पहले आज के ही दिन दुनिया के सबसे उपेक्षित, पीड़ित और शोषित बच्चों की तरफ से मैंने नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण किया था। मैं उन सभी के प्रति कृतज्ञ हूं, जिनके कारण यह संभव हो सका।
ओस्लो के उस समारोह में मैंने दुनिया के सबसे अधिक पीड़ित बच्चे के लिए पहली पंक्ति में एक कुर्सी खाली रखवाई थी, ताकि हमें हमेशा अपनी जिम्मेदारी का एहसास बना रहे।
आज भी लगभग 14 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हैं और 24 करोड़ शिक्षा से वंचित हैं। करोड़ों निरीह और निरपराध बच्चे युद्धों और हिंसा से पीड़ित हैं और भुखमरी के शिकार बने हुए हैं। उनके बचपन को बचाकर पहली पंक्ति में बैठाने के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा, और हम इसे हासिल करके रहेंगे।
इसी संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए हमने करुणा का वैश्विक आंदोलन शुरू किया है। मैं आपका आह्वान करता हूँ।
11 वर्ष पहले आज के ही दिन दुनिया के सबसे उपेक्षित, पीड़ित और शोषित बच्चों की तरफ से मैंने नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण किया था। मैं उन सभी के प्रति कृतज्ञ हूं, जिनके कारण यह संभव हो सका।
ओस्लो के उस समारोह में मैंने दुनिया के सबसे अधिक पीड़ित बच्चे के लिए पहली पंक्ति में एक कुर्सी खाली रखवाई थी, ताकि हमें हमेशा अपनी जिम्मेदारी का एहसास बना रहे।
आज भी लगभग 14 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हैं और 24 करोड़ शिक्षा से वंचित हैं। करोड़ों निरीह और निरपराध बच्चे युद्धों और हिंसा से पीड़ित हैं और भुखमरी के शिकार बने हुए हैं। उनके बचपन को बचाकर पहली पंक्ति में बैठाने के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा, और हम इसे हासिल करके रहेंगे।
इसी संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए हमने करुणा का वैश्विक आंदोलन शुरू किया है। मैं आपका आह्वान करता हूँ।
11 वर्ष पहले आज के ही दिन दुनिया के सबसे उपेक्षित, पीड़ित और शोषित बच्चों की तरफ से मैंने नोबेल शांति पुरस्कार ग्रहण किया था। मैं उन सभी के प्रति कृतज्ञ हूं, जिनके कारण यह संभव हो सका।
ओस्लो के उस समारोह में मैंने दुनिया के सबसे अधिक पीड़ित बच्चे के लिए पहली पंक्ति में एक कुर्सी खाली रखवाई थी, ताकि हमें हमेशा अपनी जिम्मेदारी का एहसास बना रहे।
आज भी लगभग 14 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हैं और 24 करोड़ शिक्षा से वंचित हैं। करोड़ों निरीह और निरपराध बच्चे युद्धों और हिंसा से पीड़ित हैं और भुखमरी के शिकार बने हुए हैं। उनके बचपन को बचाकर पहली पंक्ति में बैठाने के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा, और हम इसे हासिल करके रहेंगे।
इसी संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए हमने करुणा का वैश्विक आंदोलन शुरू किया है। मैं आपका आह्वान करता हूँ।
