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शांतिदूत का दावा:
इस दरगाह शरीफ को जो लखनऊ चारबाग में स्थित है। जब भी हटाने की कोशिश की जाती है, दिन में हटाते हैं। रात में पटरियां अपने आप उखड़ जाती हैं। तुम में दम है तो इसे हटाकर देख लो...!
ये उस मजार के केयरटेकर का कहना है,

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ये पाकिस्तान के मशहूर प्रवक्ता तारीक मसूद हैँ। ये मुस्लिम धर्म गुरु भी हैँ, और काफी लोकप्रिये भी हैँ।

हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में इनसे किसी ने पूछा कि आपके कितने बच्चे हैँ। तो इन्होने कहा “सिर्फ 19"

और उसी बयान को थोड़ा और प्रसिद्ध करने के लिए अपने एक तक़रीर के दौरान इन्होने कहा कि मै इस बात से शर्मिंदा हूँ कि मैने सिर्फ 19 बच्चे ही पैदा किये। बल्कि कम से कम मुझे 39 करना चाहिए था।
कम से कम 39 की सोच है तो इस हिसाब से 50 होते तब जाके ये पूरी तरह संतुष्ट होते।

जहाँ तक मुझे पता है, जानवरों में ही कुछ ऐसी प्रजातियाँ पाई जाती हैँ जिनके दर्जन से ज्यादा बच्चे होते हैँ।

इनके लिए दो शब्द कहना चाहोगे भाइयों?

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मुस्लिमों यकीन करो, तुम भी हिन्दू ही हो। पढो ये चौंकाने वाला खबर 📣📣

बरेली में एक गजब का मामला सामने आया है। एक युवक जिसका नाम सलीम था। SIR के जांच के दौरान जब इनसे दस्ताबेज मांगा गया तो ये लग गये अपना कागज़ ढूंढ़ने में।
लेकिन जब ये अपना पीछे का इतिहास ढूंढ़ने लगे तो पता चला ये मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू परिवार से थे।

फिर क्या, सलीम ओमप्रकाश बन गये। गाँव वालों ने इनका शुद्धिकरण किया और मंदिर में भगवान के सामने इन्हे फूल माला पहना कर घर वापसी कराया गया।

सुनो मोमिन भाई, एक बार तुम भी अपना इतिहास क्यों नहीं निकालते?

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खबर एक साल पुराना है, लेकिन फिर से दिखाने का मतलब सिर्फ इनकी सोच का पर्दाफास करना।

पिछले साल एक जिहादी जिसने अपने बकरे की कुर्बानी देने के लिए बेचने लाया था। उस बकरे के पीठ पर राम लिखा हुआ था।
ये कोई अनजाने में किया गया कार्य नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिस थी। और आप समझ सकते हैँ कि हिन्दू देवी देवताओं के प्रति इनके मन में कितना नफरत भरा हुआ है।
इस आदमी पर तो कार्यवाई हुआ था या नही इसका पता तो नही चला लेकिन इसके जैसे करोड़ो हैँ जिनके दिलो दिमाग में हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ जहर भरा होता है।

ये बात उन सेक्युलर हिन्दुओं को समझना चाहिए जो भाईचारा निभा रहे हैँ——०

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अब्दुल का एक और कारनामा। फैलाओ जरा इसे भी देश भर में। 📣📣

ये वही लड़की है जिसने आज से 1 साल पहले कहा था मुस्लिम लोग गलत नहीं होते मोदी और योगी की वजह से मुस्लिमों को बदनाम किया जा रहा है।

मैं अब्दुल से प्यार करती हूँ और उसी से निकाह करूँगी जिसे जो बोलना है बोले, मेरे माँ बाप मेरे दुश्मन है क्योंकि वो मुझे मुस्लिम से शादी करने से रोक रहे है।

इसलिए मेरे लिए सब मर गये है, मैं अपनी मर्ज़ी से शादी कर रही हूँ।

और आज अब्दुल इसे मार रहा है क्यूंकि इसको गाय खाना पसंद नहीं 😂✋👩‍🦱 और इस्लाम में गाय खाना जायज है।"

अब्दुल का एक और कारनामा 😆😆

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From the heart of rural Rajasthan comes a story that reminds us what true strength looks like.
Anupriya, a young girl from Mankdo village, has become a symbol of resilience and academic brilliance.
Her journey was anything but easy. After completing Class 10 in a local government school, she chose Humanities — but life had a painful test waiting.
During her Class 10 board exams, she lost her father, who had long battled a kidney ailment.
With financial burdens mounting, her mother — a strong, determined woman — took up work as a cook in a government school just to keep her children’s education alive.
But Anupriya did not break. She rose.
She balanced household chores with long nights of study. She worked quietly, consistently, and with unshakable focus.
And her dedication shone through — she scored an outstanding 97.4% in the Class 12 RBSE exams.
In an interview, Anupriya said something that touched everyone’s heart:
“We often struggled to afford books, but my mother never let us feel my father’s absence. She worked hard and ensured our needs were met.”
This is more than just a student scoring high marks.
It is the story of a daughter’s determination…
A mother’s sacrifice…
And a family that refused to give up.
Let this inspire every young dreamer facing challenges today.
#inspiration #education #rajasthan #rbse #topper #girlseducation #motivation #realheroes #struggletosuccess #proudmoment

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