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अब तो रुक जाओ चाचा। मुजफ्फरनगर के रहने वाले बशीर अली ने 70 साल की उम्र में तीसरी शादी की है। उनकी दो बेगम पहले से ही थी जिसमे एक बीवी पिछले साल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान चल बसी थी, जिसके बाद बसीर का एक बीवी के सहारे काम नहीं चल पा रहा था जिस वजह से उन्होंने तीसरा निकाह करने के फैसला किया। उनका कहना है कि यह सब ऊपर वाले की देन है और वह आगे भी शादी करते रहेंगे। मरने से पहले बशीर अली 5 बीबियों संग सुहागरात मनाना चाहते हैं, जिससे उनको जन्नत में भी रंगीन अप्सराएँ नसीब होंगी । अब देखना यह है कि बवाशीर अली का ये सपना पूरा होता है या नहीं ?
क्या आपने कभी 15 करोड़ रुपये की किताब देखी है?
पटना बुक फेयर में सामने आई एक ऐसी ही रहस्यमयी किताब ने सबको चौंका दिया है। इस किताब का नाम है ‘मैं’, जिसे लेखक रत्नेश्वर ने लिखा है।
दावा है कि 408 पन्नों की इस किताब का ज्ञान उन्हें मात्र 3 घंटे 24 मिनट में प्राप्त हुआ, जब उन्होंने ब्रह्मलोक की यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव किया।
लेखक का कहना है कि इस ग्रंथ में वो बातें हैं जो रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद, बाइबल और कुरान में भी नहीं मिलतीं।
2014 में एक घातक सैन्य दुर्घटना में लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारकेश चंद्रशेखरन की आंखों की रोशनी चली गई। कई लोगों ने मान लिया कि उनका करियर अब खत्म हो गया है।
लेकिन सिर्फ आठ महीने के इलाज के बाद उन्होंने सहायक तकनीक के सहारे फिर से सक्रिय सेवा में वापसी की और पूरी तरह दृष्टिवान अधिकारियों के बराबर प्रदर्शन किया।
वह भारत की सशस्त्र सेनाओं के पहले ऐसे अधिकारी बने जो पूरी तरह नेत्रहीन होकर भी ड्यूटी पर तैनात हैं।
Freedom fighter, thinker, intellectual, statesman…these are some descriptions that come to the mind when one recalls Shri C. Rajagopalachari. Tributes to him on his birth anniversary. He remains one of the sharpest minds of the 20th century, who believed in creating value and upholding human dignity. Our nation remembers his enduring contributions with gratitude.