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कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका, लखनऊ में आयोजित 'रजत जयंती समारोह' में सम्मिलित होकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
भारत माता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले उन महान सपूतों को शत-शत नमन!
जय हिंद!
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका, लखनऊ में आयोजित 'रजत जयंती समारोह' में सम्मिलित होकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
भारत माता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले उन महान सपूतों को शत-शत नमन!
जय हिंद!
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका, लखनऊ में आयोजित 'रजत जयंती समारोह' में सम्मिलित होकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
भारत माता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले उन महान सपूतों को शत-शत नमन!
जय हिंद!
🙏🙏जय सियाराम जी🙏🙏
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भरत सुजान राम रुख देखी।
उठि सप्रेम धरि धीर बिसेषी॥
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करि दंडवत कहत कर जोरी।
राखीं नाथ सकल रुचि मोरी॥
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भावार्थ:-गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि सुजान भरतजी श्री रामचन्द्रजी का रुख देखकर प्रेमपूर्वक उठकर, विशेष रूप से धीरज धारण कर दण्डवत करके हाथ जोड़कर कहने लगे- हे नाथ! आपने मेरी सभी रुचियाँ रखीं।
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मोहि लगि सहेउ सबहिं संतापू।
बहुत भाँति दुखु पावा आपू॥