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University of Bucharest, Romania में बोलने का अवसर मिला—यह मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा। भारत और रोमानिया—दोनों की गणित में समृद्ध परंपरा रही है। मैंने यही साझा किया कि यदि भारत और रोमानिया मिलकर गणित के क्षेत्र में साथ काम करें, तो इसका लाभ केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए उपयोगी होगा। University of Bucharest का हृदय से धन्यवाद, जहाँ कार्यक्रम के बाद मुझे सम्मानित भी किया गया।— आनंद कुमार
#super30 #mathematics #indiaromania #universityofbucharest
University of Bucharest, Romania में बोलने का अवसर मिला—यह मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा। भारत और रोमानिया—दोनों की गणित में समृद्ध परंपरा रही है। मैंने यही साझा किया कि यदि भारत और रोमानिया मिलकर गणित के क्षेत्र में साथ काम करें, तो इसका लाभ केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए उपयोगी होगा। University of Bucharest का हृदय से धन्यवाद, जहाँ कार्यक्रम के बाद मुझे सम्मानित भी किया गया।— आनंद कुमार
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University of Bucharest, Romania में बोलने का अवसर मिला—यह मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा। भारत और रोमानिया—दोनों की गणित में समृद्ध परंपरा रही है। मैंने यही साझा किया कि यदि भारत और रोमानिया मिलकर गणित के क्षेत्र में साथ काम करें, तो इसका लाभ केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए उपयोगी होगा। University of Bucharest का हृदय से धन्यवाद, जहाँ कार्यक्रम के बाद मुझे सम्मानित भी किया गया।— आनंद कुमार
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अपने अंदर की बुराइयों को दूर करो और दूसरों से मिल रही अच्छाइयों को अपनाते जाओ। धीरे-धीरे आपकी ज़िंदगी खुद ही सँवर जाएगी और आप सुखी हो जाएँगे।
#gurmeetramrahim #ramrahim #dailyinspiration
तमिलनाडु के तटीय गाँव में कारीगरों ने नारियल के रेशे से नेचुरल - सुन्दर गार्डन पॉट बनाना शुरू किया। बड़े शहरों की नर्सरी में इसकी भारी माँग है। मेहनत कभी बर्बाद नहीं जाती, कचरा कमाई में बदल गया।
#fblifestyle
#मथुरा में विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली जा रही #शौर्य_यात्रा ने रविवार को शहर का माहौल राजनीतिक रूप से गरमा दिया। यात्रा मसानी स्थित वेद मंदिर से शुरू हुई और शहर के विभिन्न मार्गों से होकर गुज़री।
यात्रा के साथ शामिल कथा वाचक #देवकीनंदन_महाराज ने कहा कि “अयोध्या हमारे पास आ चुकी है, अब मथुरा की बारी है।”
उन्होंने आगे कहा कि वे अब्दुल कलाम और रसखान जैसी व्यक्तित्वों की विचारधारा का सम्मान करते हैं, लेकिन जो लोग ऐतिहासिक आक्रमणकारियों की विचारधारा का समर्थन करते हैं, वे राष्ट्रहित के विरुद्ध हैं।
देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को- की नारेबाजी करते हुए देवकीनंदन महाराज ने कहा- ऐसे लोगों को देश में रहने की कोई इजाजत नहीं। मैं इतना कहूंगा। कि बाबर देश के लिए शत्रु था। ये सब जानते हैं। ये सब जानते हैं कि बाबर ने सिर्फ देश पर आक्रमण नहीं किया था, बल्कि देश के आत्मा पर आक्रमण किया था।
मैंने कई बार कहा, तुम तीन जगह हमें दे दो, अगर भाईचारा निभाना चाहते हो तो। एक भाई देवबंद में बैठे हैं। आजकल उनकी तबीयत भी है जैसी उनकी जुबान है।
देवकीनंदन महाराज बोले- अयोध्या हुई हमारी, अब मथुरा की बारी। कृष्ण जन्म भूमि लिए बिना हम छोड़ेंगे नहीं।