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जो बोले सो निहाल!
सत् श्री अकाल!
जब हम स्वदेश और स्वधर्म को प्राथमिकता देते हैं, तब वह हमारी गति को प्रगति की तरफ लेकर जाता है। सिख गुरुजनों का इतिहास इसी प्रगति का प्रमाण है।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस 'वीर बाल दिवस' (साहिबजादा दिवस) एवं सिख पंथ के नौवें गुरु, 'हिन्द दी चादर' गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
साथ ही, 'वीर बाल दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों- बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह एवं
जो बोले सो निहाल!
सत् श्री अकाल!
जब हम स्वदेश और स्वधर्म को प्राथमिकता देते हैं, तब वह हमारी गति को प्रगति की तरफ लेकर जाता है। सिख गुरुजनों का इतिहास इसी प्रगति का प्रमाण है।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस 'वीर बाल दिवस' (साहिबजादा दिवस) एवं सिख पंथ के नौवें गुरु, 'हिन्द दी चादर' गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
साथ ही, 'वीर बाल दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों- बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह एवं
जो बोले सो निहाल!
सत् श्री अकाल!
जब हम स्वदेश और स्वधर्म को प्राथमिकता देते हैं, तब वह हमारी गति को प्रगति की तरफ लेकर जाता है। सिख गुरुजनों का इतिहास इसी प्रगति का प्रमाण है।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस 'वीर बाल दिवस' (साहिबजादा दिवस) एवं सिख पंथ के नौवें गुरु, 'हिन्द दी चादर' गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
साथ ही, 'वीर बाल दिवस' के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया।
गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों- बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह एवं

लांस नायक अल्बर्ट एक्का भारतीय सेना के वीर सपूत थे, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में गंगासागर की लड़ाई में अपने शौर्य और साहस का परिचय दिया। 14 गार्ड्स की फॉरवर्ड कंपनी का हिस्सा होते हुए, उन्होंने दुश्मन से लोहा लिया और मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। उनकी जयंती पर उन्हें नमन।
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