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जापान में सरकार ने मुसलमानों को शव दफनाने के लिए और जमीन देने से इनकार कर दिया है । जापान सरकार का कहना है कि मुसलमान शवों को अपने-अपने मूल देश में ले जाकर दफनाएं। दरअसल जापान में अब करीब 2 लाख की मुस्लिम आबादी हो गई है और जापान के शहरों में जमीन की भारी कमी है, जिसके कारण बड़े कब्रिस्तान बनाना जापान के लिए मुश्किल काम है। दूसरी बात ये है कि जापान में बौद्ध और शिंटो धर्म का प्रभाव है। जापान में 99% से अधिक अंतिम संस्कार शवदाह के माध्यम से किए जाते हैं इसलिए मुसलमानों के रिचुअल्स को लेकर जापान बिल्कुल स्पष्ठ है।

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विदाई फेम सारा खान शादी के बंधन में बंध चुकी हैं. सारा ने रामायण के लक्ष्मण सुनील लहरी के बेटे कृष पाठक से शादी रचाई है. कुछ समय पहले इस कपल ने कोर्ट मैरिज की थी और अब हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली है. 5 दिसंबर को इस कपल ने हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की है उसके बाद एक छोटा सा रिसेप्शन भी होस्ट किया था. जिसकी फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
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हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।

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This image depicts a phenomenal experiment moment by YouTuber Brian Haddet (Alphaphoenix), which demonstrated the speed of laser beam using camera system capacity of 2 billion frames per second.
The camera setup was custom-made and only recorded one pixel at a time.
To make the full video, the laser was repeatedly fired, transferred the sensor slightly for each shot, and different pixels added together.
This experiment allowed humans to observe the journey of light in real time, impossible with bare eyes.
The video shows the ray of light spreading in the room and bouncing between the mirrors.

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वो देखता सबकुझ है…✍️

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दिल्ली में रहने वाली 22 साल की प्रणव बॉक्सर ग्रोवर, अपनी ज़िंदगीके साथ हिम्मत, संवेदना और निरंतर सेवा की मिसाल बनाकर खड़ी हुई हैं।
बचपन में उन्हें न समझा गया और न अपनापन मिला। स्कूल की पिकनिकों से लेकर हर सामाजिक जगह तक उन्हें बार-बार अलग किया गया। जब इंसानों ने साथ छोड़ दिया, तभी अपने ब्लॉक की एक स्नेट्रीट डॉग उन्हें बिना शर्त प्यार दिया। वहीं से जानवरों के प्रति उनकी करुणा की शुरुआत हुई।
वे जानवरों से इसलिए भी गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं क्योंकि समाज अक्सर उन्हें भी उतना ही अनदेखा करता है जितना एक ट्रांस महिला को। लेकिन प्रणव ने अपनी पहचान को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया। बल्कि वह उनकी ताकत बनी।
आज वो राजधानी दिल्ली में सक्रिय रूप से जानवरों को बचाने का काम करती हैं और अपना जीवन उनके कल्याण को समर्पित कर चुकी हैं।
पिछले पाँच वर्षों में प्रणव ने 500 से अधिक जानवरों को बचाया, जिनमें से कई को हिंसा, लापरवाही और अत्याचार का सामना करना पड़ा था। उनका लक्ष्य स्पष्ट है: कोई भी जानवर इंसानी क्रूरता की वजह से न मरे—हर एक को सम्मानित और प्राकृतिक जीवन मिले।
उनकी इसी निरंतर सेवा और समर्पण के लिए उन्हें हाल ही में करमवीर चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रणव की कहानी यह साबित करती है कि बदलाव हमेशा भीतर से शुरू होता है। उन्होंने किसी का इंतज़ार नहीं किया बल्कि वे खुद अपनी मदद बनीं और वह प्यार बनीं जिसकी उन्हें एक समय आवश्यकता थी। वही प्यार उन्होंने उन जानवरों को दिया जिन्हें उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी।
#transwomeninindia #animalrescue #compassion #karamveerchakra #inspiration #humanity #c****eMakers #delhistories
[Pranav Boxer Grover, trans woman rescuer, Delhi animal rescue, Karamveer Chakra award, animal welfare India, transgender activism, rescue stories, compassion work, social impact India]

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