Entdecken BeiträgeEntdecken Sie fesselnde Inhalte und vielfältige Perspektiven auf unserer Discover-Seite. Entdecken Sie neue Ideen und führen Sie bedeutungsvolle Gespräche
छुक-छुक करती पटरियों पर दौड़ती नर्मदा एक्सप्रेस बुधवार को एक ऐसी रूह कंपा देने वाली साजिश की गवाह बनी, जिसने मां-बच्चे के पवित्र रिश्ते को सरेआम शर्मसार कर दिया। दोपहर के 4 बज रहे थे, ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार में थी, तभी एक रहस्यमयी महिला ने ममता का ऐसा स्वांग रचा कि सुनने वालों के रौंगटे खड़े हो गए। उसने अपने महज 15 दिन के कलेजे के टुकड़े को एक अजनबी युवती के हवाले किया और खुद मौत के सन्नाटे की तरह गायब हो गई।
महाराष्ट्र के डोंबिवली में भारत माता की एक भव्य मोजेक कलाकृति ने वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। इस कलाकृति को बनाने में करीब 2.5 लाख रंग-बिरंगे मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल किया गया है।
संस्कृति और कला की भूमि बताते हुए रविंद्र चव्हाण ने कहा कि भारत माता के प्रति श्रद्धा बचपन से ही हमारे संस्कारों में रची-बसी है। वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि भारत माता की वंदना है। वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने के अवसर पर इस सांस्कृतिक परिवार ने डोंबिवली में विश्व रिकॉर्ड बनाने का संकल्प लिया था। उन्होंने कलाकार चेतन राऊत, पिता-पुत्र की जोड़ी प्रभु कपसे और वैभव कपसे सहित पूरी कलाकार टीम की सराहना करते हुए कहा कि इन सभी ने लगातार 9 दिनों तक दिन-रात मेहनत कर हर दीये को रंगा और इस भव्य कलाकृति को साकार किया।